1984 Sikh Riots: वर्ष 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख विरोधी दंगे में दंगाइयों ने जमकर उपद्रव किया था. 38 साल बाद मामले में दंगाइयों की गिरफ्तारी शुरू हुई है. अभी तक 31 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. सिख दंगे की तीन घटनाओं में शामिल आरोपित को एसआईटी ने गिरफ्तार कर लिया. आरोपित ने एक ही दिन में एक के बाद एक तीन वारदात को अंजाम दिया था. उसने सिख समाज के लोगों को मौत के घाट उतारने के साथ ही उनके घरों में भीड़ के साथ मिलकर डकैती डाली थी. एसआईटी टीम ने आरोपित को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश कर जेल भेजा है.
तीन घटनाओं को दिया था अंजाम
दबौली में ही तीन घरों में भीड़ ने हमला कर वहां पर पांच सिखों को मौत के घाट उतारा था. उनके घरों में आग लगाकर डकैती डाली गई. उस दौरान जिन पांच लोगों की मौत हुई उसमें अमरजीत सिंह उर्फ टीटू, तेज सिंह, भगवान सिंह, जगजीत सिंह और हरचरण सिंह उर्फ पप्पू की मौत हुई थी. इन तीनों घटनाओं में मृतकों के परिजनों ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराते समय गुजैनी निवासी कमल का नाम लिया था.
तीनों घटनाओं में वह वांछित चल रहा था. वहीं, पूरे मामले में डीआईजी एसआईटी बलेन्दु भूषण सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि फरार चल रहे कमल को गुरुवार सुबह गुजैनी के पास से गिरफ्तार किया गया है कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया. इस संबंध में एसआईटी प्रमुख डीआईजी बलेंद्र भूषण सिंह ने कहा, 'कानपुर में 1984 के दंगों के सिलसिले में कमल नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जो डबौली इलाके में तीन अलग-अलग मामलों में वांछित है. उन घटनाओं में कम से कम 5 लोगों की मौत हो गई.'
रिपोर्ट : आयुष तिवारी