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गाजीपुर : तीन दशकों में किसी को लगातार दूसरी जीत नसीब नहीं
गाजीपुर : पूर्वांचल की महत्वपूर्ण लोकसभा सीट गाजीपुर पर पिछले तीन दशक के चुनाव में कोई भी सांसद लगातार दूसरी बार जीत नहीं पाया और अब केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा के सामने इस परिपाटी को तोड़ने की बड़ी चुनौती है. इस सीट पर आखिरी बार कांग्रेस नेता जैनुल बशर लगातार दो बार 1980 और 1984 […]
गाजीपुर : पूर्वांचल की महत्वपूर्ण लोकसभा सीट गाजीपुर पर पिछले तीन दशक के चुनाव में कोई भी सांसद लगातार दूसरी बार जीत नहीं पाया और अब केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा के सामने इस परिपाटी को तोड़ने की बड़ी चुनौती है.
इस सीट पर आखिरी बार कांग्रेस नेता जैनुल बशर लगातार दो बार 1980 और 1984 के चुनाव में जीते. फिर 1989 के चुनाव के बाद से कोई भी उम्मीदवार किसी न किसी कारण से अपनी जीत का सिलसिला कायम नहीं रख पाया. इन तीन दशकों में गाजीपुर के वर्तमान सांसदों की दूसरी बार हार हो गयी या फिर उन्हें टिकट ही नहीं मिला.
रेल राज्य मंत्री एवं इस सीट से मौजूदा सांसद सिन्हा पहली बार 1996 में भाजपा के टिकट पर संसद पहुंचे, लेकिन 1998 में हुए अगले चुनाव में वह हार गये. 1999 में वह गाजीपुर से फिर चुनाव जीते, लेकिन 2004 में उन्हें फिर पराजय मिली. पिछली बार वह इस सीट से तीसरी बार सांसद बने और एक बार फिर चुनावी मैदान में है. अब देखना होगा कि क्या पिछले तीन दशक से चली आ रही चुनावी परिपाटी को वह तोड़ पाते हैं या नहीं?
परिपाटी कब टूटेगी : स्थानीय पत्रकार आलोक त्रिपाठी का कहना है, 1989 के बाद से कोई भी वर्तमान सांसद लगातार दूसरी बार नहीं जीत पाया. यह परिपाटी कब टूटेगी, पता नहीं.
1989 से पहले कई नेता लगातार दो बार जीते
इस सीट पर 1989 से पहले कई ऐसे नेता रहे, जो लगातार दो बार जीते, पर जीत की हैट्रिक नहीं लगा सके. कांग्रेस के हरप्रसाद सिंह 1952 और 1957 के बाद चुनाव मैदान से बाहर हो गये. भाकपा के सरजू पांडेय भी 1967 और 1971 के बाद संसद नहीं पहुंच सके. 1980 में इंदिरा लहर में और फिर 1984 में चुनाव जीतने वाले जैनुल बशर भी जीत की हैट्रिक नहीं लगा पाये.
लगातार दो बार जीतने वाले नेता
हर प्रसाद सिंह, कांग्रेस
1952, 1957
सरजू पांडेय सीपीआइ
1967, 1971
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