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उन्नाव गैंगरेप: CBI ने MLA कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ लगे आरोपों की पुष्टि की

लखनऊ : उन्नाव गैंगरेप केस में सीबीआई ने पीड़िता द्वारा लगाये गये उन आरोपों की पुष्टि कर दी है जिसमें उसने कहा था कि पिछले साल 4 जून को भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उसका दुष्‍कर्म किया था, जबकि उस दौरान उनकी महिला सहयोगी शशि सिंह कमरे के बाहर पहरा देने का काम कर […]

लखनऊ : उन्नाव गैंगरेप केस में सीबीआई ने पीड़िता द्वारा लगाये गये उन आरोपों की पुष्टि कर दी है जिसमें उसने कहा था कि पिछले साल 4 जून को भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उसका दुष्‍कर्म किया था, जबकि उस दौरान उनकी महिला सहयोगी शशि सिंह कमरे के बाहर पहरा देने का काम कर रही थी. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीड़ित लड़की जहां बांगरमऊ के विधायक सेंगर का नाम लेती रही थी, वहीं स्थानीय पुलिस ने 20 जून को दर्ज एफआईआर में विधायक और अन्य आरोपियों के नाम शामिल नहीं किये.

सीबीआई ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत कोर्ट के सामने पीड़िता का बयान दर्ज किया जिसमें वह अपने आरोपों से पीछे नहीं हटी. सीबीआई के एक अधिकारी ने मामले के संबंध में जानकारी दी कि पुलिस ने लड़की की मेडिकल जांच में भी देरी की और लड़की के वजाइनल स्वैब और कपड़ों को फरेंसिक लैब भेजने से परहेज किया. उन्होंने कहा कि यह सबकुछ जानबूझकर और आरोपियों की मिलीभगत से हुआ.

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यहां चर्चा कर दें कि सेंगर, शशि सिंह और अन्य आरोपियों को सीबीआई ने इस साल 13-14 अप्रैल को ही गिरफ्तार किया था. सीबीआई ने उनसे पूछताछ की है. साथ ही सीबीआई विधायक के साथ पुलिस की सांठगांठ का भी पता लगाने की कोशिश कर रही है. गौर हो कि पिछले दिनों मामले ने राजनीतिक रूप ले लिया था जिसके बाद चौतरफा आलोचना के बीच योगी सरकार ने मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंप दी थी.

सीबीआई को दिये पीड़ित लड़की के बयान और स्वतंत्र जांच के आधार पर एजेंसी के एक सूत्र ने जानकारी दी कि शशि द्वारा नौकरी का झांसा देकर विधायक के घर लड़की को लाया गया था, जिसके बाद विधायक ने 4 जून को लड़की के साथ शर्मनाक घटना कां अंजाम दिया. 4 और 10 जून के बीच लड़की कुछ नहीं बोली क्योंकि उसे धमकी दी गयी थी. 11 जून को उसका तीन लोगों शुभम सिंह, अवध नारायण और ब्रिजेश यादव ने अपहरण कर लिया. 11 से 19 जून तक लड़की ज्यादातर एसयूवी में घूमती रही और उसके साथ चलती गाड़ी में तीनों लगातार दुष्‍कर्म करते रहे.

जब लड़की 20 जून को मिली, तब स्थानीय पुलिस थानों के कुछ अधिकारी एफआईआर दर्ज करने से करराते नजर आये. आखिरकार जब शिकायत दर्ज की गयी तो उन्होंने उसमें सेंगर, शशि सिंह और कुछ अन्य का नाम शामिल नहीं किया गया. पिछले साल अगस्त में पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट में सिर्फ तीन लोगों शुभम (शशि का बेटा), अवध और ब्रिजेश का नाम दर्ज किया गया था.

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