Bhubaneswar News: वेदांता समूह ओडिशा में एक लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करेगा, जिससे एक लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना है. कंपनी की योजना के तहत क्योंझर में 2,000 करोड़ रुपये की लागत से एक लौह-मिश्रधातु (फेरो-अलॉय) संयंत्र लगाया जायेगा. इसके अलावा झारसुगुड़ा में एक नया एल्युमिनियम पार्क और राज्य सरकार द्वारा तय की गयी जगह पर एक और एल्युमिनियम पार्क स्थापित किया जायेगा. यह निवेश प्रस्ताव गुरुवार को वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी से मुलाकात के दौरान राज्य सरकार के समक्ष रखा.
एक लाख से अधिक रोजगार के अवसर बनेंगे
वेदांता कंपनी पहले ही ओडिशा में लगभग एक लाख करोड़ रुपये का निवेश कर चुकी है. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा गया, ‘वेदांता समूह ओडिशा में करीब एक लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगा, जिससे एक लाख से अधिक रोजगार के अवसर बनेंगे.’ मुख्यमंत्री कार्यालय ने यह भी बताया कि राज्य सरकार इन परियोजनाओं के लिए पूरी सहायता देगी, जिसमें भूमि उपलब्ध कराना और अन्य आवश्यक बुनियादी सुविधाएं शामिल हैं.
भुवनेश्वर. उपनिरीक्षक भर्ती में अनियमितताओं की सीबीआइ जांच की सिफारिश की
ओडिशा की भाजपा सरकार ने बुधवार को पुलिस, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाओं सहित विभिन्न विभागों में उप-निरीक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितताओं की सीबीआइ जांच की सिफारिश की. एक बयान में यह जानकारी दी गयी. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि अनियमितताओं के तार कई राज्यों से जुड़े प्रतीत होते हैं और इनमें अंतरराज्यीय आपराधिक नेटवर्क शामिल होने का संदेह है, इसलिए सीबीआइ जांच आवश्यक है. बयान में कहा गया है कि अब तक की जांच से पता चला है कि इस भ्रष्टाचार की जड़ें आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों तक फैली हो सकती हैं. इसके अलावा, यह संदेह है कि इसमें एक अंतर-राज्यीय संगठित आपराधिक गिरोह भी शामिल है. इसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने विभिन्न हितधारकों के साथ चर्चा के बाद मामले की जांच सीबीआइ को सौंपने का फैसला किया. इस मामले की जांच वर्तमान में ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा द्वारा की जा रही है. अधिकारियों ने बताया कि अब तक अनियमितताओं के सिलसिले में 114 अभ्यर्थियों सहित 123 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि भर्ती परीक्षा पांच और छह अक्तूबर को आयोजित होने वाली थी, लेकिन अनियमितताओं का पता चलने के बाद ओडिशा पुलिस भर्ती बोर्ड (ओपीआरबी) ने इसे स्थगित कर दिया. कुल 1.53 लाख उम्मीदवारों ने उप-निरीक्षक के 933 पदों के लिए आवेदन किया था. 29 सितंबर की रात को आंध्र प्रदेश से लगी राज्य की सीमा पर 114 अभ्यर्थियों और तीन संदिग्ध दलालों को गिरफ्तार किया गया, जब वे भुवनेश्वर से विजयनगरम स्थित एक विशेष कोचिंग केंद्र जा रहे थे, जिसके बाद अनियमितताओं का पता चला. पुलिस ने बताया कि इन लोगों ने गिरोह को 10-10 लाख रुपये दिये थे और नौकरी मिलने के बाद उन्हें 25 लाख रुपये और देने थे. वहीं, सीएमओ के बयान में कहा है कि राज्य सरकार भविष्य में इस तरह की अनियमितताओं को रोकने के लिए पुलिस एवं अन्य वर्दीधारी पदों की भर्ती के लिए एक स्थायी आयोग गठित करने पर भी विचार कर रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

