Bhubaneswar News : ओडिशा विधानसभा भवन के सामने शनिवार को धरना देते समय कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता राम चंद्र कदम और पार्टी विधायक अशोक दास बीमार पड़ गये. कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि दोनों कांग्रेस नेताओं को कैपिटल अस्पताल ले जाया गया. कदम और दास विधानसभा परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दिये जाने के विरोध में द्वार संख्या तीन के सामने धरना दे रहे थे. इधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात कर ओडिशा में महिला सुरक्षा के मुद्दे पर उनका ध्यानाकर्षण कराया.
हमें विधानसभा परिसर में प्रवेश करने का पूरा अधिकार है : कदम
कदम ने कहा कि वह और दास विधानसभा परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरना देने के लिए जाना चाहते थे, लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया. उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि अध्यक्ष ने हमें सदन से निलंबित कर दिया है लेकिन हमें विधानसभा परिसर में प्रवेश करने का पूरा अधिकार है. उन्होंने हमें प्रवेश नहीं कर दिया जो अवैध और अलोकतांत्रिक है. पार्टी के एक नेता ने बताया कि चिलचिलाती गर्मी में लगभग तीन घंटे तक धरने पर बैठे रहने के कारण दोनों की तबीयत खराब हो गयी और उनके इलाज के लिए चिकित्सकों को बुलाया गया. उन्होंने बताया कि बाद में दोनों के शरीर में पानी की कमी के लक्षण दिखने पर उन्हें कैपिटल अस्पताल ले जाया गया.
कांग्रेस के 14 विधायकों को सात दिन के लिए किया गया है निलंबित
कदम और दास उन 14 कांग्रेस विधायकों में शामिल हैं, जिन्हें 25 और 26 मार्च को अनुशासनहीनता के आरोप में सात दिन के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था. कांग्रेस विधायकों ने पिछले आठ महीने में महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों की जांच के लिए सदन समिति के गठन की मांग को लेकर विधानसभा में हंगामा किया था जिसके बाद अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने उन्हें निलंबित करने की घोषणा की थी.
ओडिशा में महिलाओं की सुरक्षा मजाक बन गयी है: पवन खेड़ा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने शुक्रवार को दावा किया कि ओडिशा में महिलाओं की सुरक्षा एक मजाक बन गयी है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजू जनता दल (बीजद) की पिछली और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वर्तमान सरकार के दौरान राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में वृद्धि का कोई अंत नहीं है. खेड़ा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भक्त चरण दास ने यहां संवाददाता सम्मेलन में राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में वृद्धि की जांच के लिए सदन समिति की घोषणा नहीं करने के लिए भाजपा सरकार पर निशाना साधा. कांग्रेस विधायकों ने नौ महीने पहले भाजपा के सत्ता में आने के बाद राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध में कथित वृद्धि की जांच के लिए सदन की एक समिति के गठन की मांग को लेकर पिछले कुछ दिनों में विधानसभा में हंगामा किया था. विधानसभा अध्यक्ष ने 25 और 26 मार्च को दो चरण में पार्टी के सभी 14 विधायकों को सात दिन के लिए निलंबित कर दिया.
बीजद पर चुप्पी साधने का लगाया आरोप
खेड़ा ने आरोप लगाया कि महिला सुरक्षा का मुद्दा उठाने पर कांग्रेस विधायकों को विधानसभा से निलंबित कर दिया गया, जबकि राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजद चुप रही. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि बीजद शासन के दौरान जब राज्य से महिलाएं गायब हुई थीं, तब भाजपा के लोग भी चुप थे. अब बीजद इस मुद्दे पर चुप है, जबकि कांग्रेस अकेले ओडिशा में महिलाओं की सुरक्षा के लिए लड़ रही है. खेड़ा ने केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ओडिशा में महिला सुरक्षा एक बड़ा मजाक बन गयी है, क्योंकि हजारों महिलाएं और लड़कियां सालों से लापता हैं, जबकि सरकार ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ (केंद्रीय योजना) को बढ़ावा देने का दावा करती है.
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