आइआइटी मद्रास परिसर रविवार को उस समय जोश और उत्साह से भर उठा जब केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ‘थिंक इंडिया दक्षिणपथ सम्मेलन-2025’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन भारत की चुनौतियों का समाधान खोजने और नयी सोच गढ़ने का मंच बनेगा, जिससे भारतीय युवा वैश्विक कल्याण के प्रेरक बन सकेंगे. श्री प्रधान ने इस अवसर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनइपी) 2020 की प्रासंगिकता और दूरगामी लाभों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह नीति ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ जैसी वैश्विक भारतीय परंपरा का मूर्त रूप है. उन्होंने जोर देकर कहा कि विकसित भारत के सपने को साकार करने तथा विश्व शांति और समृद्धि सुनिश्चित करने में शिक्षा नीति की भूमिका अहम है. अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि थिंक इंडिया जैसे प्रमुख थिंक-टैंक देश के बौद्धिक नेतृत्व को और सशक्त बनाते हैं. उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में वे नवीन मॉडल और उपकरण विकसित कर चुनौतियों का सामना करें और नये अवसरों को भुनायें. सम्मेलन के अलावा श्री प्रधान ने अपने तीन दिवसीय तमिलनाडु दौरे में आइआइटी मद्रास रिसर्च पार्क का दौरा किया और वहां नवप्रवर्तन कर रहे युवा उद्यमियों से मुलाकात की. उन्होंने ‘आइआइटीएम फॉर ऑल’ पहल के तहत सरकारी विद्यालयों के छात्रों के साथ संवाद कर उन्हें उच्च शिक्षा के बड़े सपने देखने के लिए प्रोत्साहित किया. इसके अतिरिक्त उन्होंने इंडिया सेंटर फॉर लैब-ग्रोवन डायमंड एवं टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट सेंटर का भी निरीक्षण किया. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आइआइटी मद्रास न केवल उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी है, बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर तबके के छात्रों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है. उन्होंने युवाओं का मार्गदर्शन करते हुए यह भी बताया कि शिक्षा का वास्तविक लक्ष्य डिग्री से अधिक कौशल और क्षमता का विकास करना है. ——————– चेल्लम्मा भारती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की अपने प्रवास के दौरान श्री प्रधान ने कदायम गांव में महाकवि सुब्रमण्यम भारती की पत्नी चेल्लम्मा भारती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और तेनकासी जिले में जोहो कार्पोरेशन के विभिन्न संस्थानों का दौरा किया. उन्होंने जोहो स्कूल ऑफ लर्निंग और मेक्ट्रोनिक्स स्टार्ट-अप इकाई का निरीक्षण करते हुए कहा कि यह संस्थान ग्रामीण और वंचित पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों को शिक्षा और कौशल की रोशनी देकर आत्मनिर्भर बना रहा है. धर्मेंद्र प्रधान का यह दौरा शिक्षा, नवाचार और युवा सशक्तीकरण को नये आयाम देने के रूप में देखा जा रहा है, जो ‘दक्षिणपथ सम्मेलन’ के माध्यम से भारत की युवाशक्ति को विश्व कल्याण का पथप्रदर्शक बना सकता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

