Rourkela News: बंडामुंडा के बरकानी क्षेत्र में पुलिस और स्थानीय निवासियों के बीच झड़प के बाद पैदा हुआ तनाव रविवार देर रात शांत हो गया. प्रशासन की ओर से जेसीबी की चपेट में आकर जान गंवाने वाले एतो एक्का के परिवार को 20 लाख रुपये का मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को आरएसपी में नौकरी तथा बच्चों की शिक्षा का खर्च वहन करने का वादा किये जाने के बाद प्रदर्शनकारियों ने शव उठाने पर सहमति जतायी. जिसके बाद करीब 34 घंटे से पड़ा शव कब्जे में लेकर पुलिस ने राउरकेला सरकारी अस्पताल (आरजीएच) के मोर्ग हाउस में रखवाया. पुलिस के शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा जायेगा.
पुराने वादे को पूरा करने की भी हो रही मांग
इससे पहले रविवार सुबह से लेकर रात तक प्रशासनिक अधिकारियों ने कई दौर की बातचीत प्रदर्शनकारियों से की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. प्रदर्शनकारियों ने 2006 के समझौते को लागू करने, रेलवे लाइन का निर्माण तत्काल बंद करने, विस्थापितों को रोजगार देने, मृतकों के परिजनों को एक करोड़ रुपये मुआवजा देने के साथ ही नौकरी देने की मांग की गयी. उन्होंने जिला प्रशासन को चेतावनी दी कि जब तक उन्हें लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता, वे अपने आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे और शव नहीं हटायेंगे. राजगांगपुर विधायक डॉ सीएस राजेन एक्का और बिरमित्रपुर विधायक रोहित जोसेफ तिर्की भी ग्रामीणों के समर्थन में पहुंचे. अतिरिक्त जिलापाल आशुतोष कुलकर्णी, सुंदरगढ़ उपजिलापाल अभिमन्यु माझी, पश्चिमांचल डीआइजी ब्रजेश राय, राउरकेला एसपी नीतेश वाधवानी ने प्रदर्शनकारियों से शव उठाने की अपील की. लेकिन वे अपनी जिद पर अडिग रहे.एतो एक्का की मौत के बाद प्रदर्शन हो गया था उग्र
रेलवे लाइन निर्माण के दौरान शनिवार को पुलिस और बरकानी बस्ती के निवासियों के बीच झड़प हो गयी थी. प्रदर्शन कर रहे एतो एक्का (37) की जेसीबी की चपेट में आने से घटनास्थल पर ही मौत होने के बाद आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया था. प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गयी थी. ग्रामीणों ने पथराव कर दिया था, जिसमें मजिस्ट्रेट के रूप में मौजूद अतिरिक्त तहसीलदार सहित सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों, आरएसपी अधिकारियों और जेसीबी चालक घायल हो गये थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है