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Bhubaneswar News: ओडिशा पुलिस मानव तस्करी से निपटने के लिए कर्मियों की संख्या बढ़ायेगी: वाइबी खुरानिया

Bhubaneswar News: भुवनेश्वर स्थित पुलिस भवन में मानव तस्करी पर राज्य स्तरीय सम्मेलन का डीजीपी वाइबी खुरानिया ने उद्घाटन किया.

Bhubaneswar News: ओडिशा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वाइबी खुरानिया ने शुक्रवार को कहा कि पुलिस विभाग राज्य में मानव तस्करी से निपटने के लिए एकीकृत मानव तस्करी रोधी इकाइयों (आइएएचटीयू) को सशक्त बनाने पर काम कर रहा है, जिसमें मानव संसाधन बढ़ाना और नयी तकनीक का उपयोग जैसे उपाय शामिल हैं. खुरानिया ने यहां पुलिस भवन में मानव तस्करी पर राज्य स्तरीय सम्मेलन का उद्घाटन किया.

मानव तस्करी पूरे देश के लिए चिंता का विषय

डीजीपी ने बताया कि तस्करी से प्रभावित राज्यों के साथ समन्वय बढ़ाने और प्रौद्योगिकी, डिजिटल ट्रैकिंग, डेटा एनालिटिक्स तथा निगरानी के माध्यम से तस्करी नेटवर्क को ध्वस्त करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. मानव तस्करी के खिलाफ काम कर रहे पुलिस, श्रम और अन्य विभागों के अधिकारियों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मानव तस्करी न केवल ओडिशा के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए अत्यंत चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि मानव तस्करी सिर्फ एक अपराध नहीं है, यह बुनियादी मानवाधिकारों का उल्लंघन है. यह व्यक्तियों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों से उनकी गरिमा, उनकी स्वतंत्रता और उनके भविष्य को छीन लेती है. डीजीपी ने कहा कि ओडिशा अपनी सामाजिक-आर्थिक और भौगोलिक कमजोरियों के कारण मानव तस्करी का स्रोत और गंतव्य बना हुआ है.

कार्मिक संख्या, प्रशिक्षण और उपलब्ध संसाधनों को बढ़ाने पर कर रहे काम

डीजीपी खुरानिया ने कहा कि ओडिशा में हमने तस्करी को कई रूपों में देखा है, यौन शोषण, जबरन मजदूरी, घरेलू काम के लिए बच्चों की तस्करी और इससे भी अधिक घातक रूप से रोजगार या विवाह की आड़ में युवा लड़कियों की तस्करी. उन्होंने कहा कि पीड़ितों को बचाने में आइएएचटीयू, जिला बाल संरक्षण इकाइयां और जिला श्रम अधिकारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. हालांकि, बचाव ही अंतिम लक्ष्य नहीं है, पुनर्वास और रोकथाम भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं. डीजीपी ने कहा कि आइएएचटीयू को मजबूत करने के लिए हम जिला स्तर पर कार्मिक संख्या, प्रशिक्षण और उपलब्ध संसाधनों को बढ़ाने पर काम कर रहे हैं.

ओडिशा पुलिस ने 1209 बच्चों, 6667 महिलाओँ को बचाया

इस वर्ष ओडिशा पुलिस ने ऑपरेशन अन्वेषण के दौरान लापता 1,209 बच्चों (131 लड़के और 1,078 लड़कियां) को बचाया है. इसके साथ ही राज्य पुलिस ने लापता हुईं 6,667 महिलाओं को भी बचाया है. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के सेवानिवृत्त डीजीपी पीएम नायर ने मानव तस्करी से संबंधित विभिन्न पहलुओं, इसके बदलते रुझानों और उपायों पर बात की. उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता रविकांत ने बचाये गये बच्चों को उनके परिवारों और समाज से मिलाने तथा उन्हें स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा के साथ नया जीवन प्रदान करने पर जोर दिया. केंद्रीय गृह मंत्रालय के उप कमांडेंट संजय कुमार ने मानव तस्करी और साइबर दासता के मुद्दे पर बात की. इंटरनेशनल जस्टिस मिशन के विधिक कार्यक्रम निदेशक अमित कुमार नाग ने कहा कि मानव तस्करी से लड़ने में नागरिक समाज, स्थानीय संगठनों, समितियों और जागरूक नागरिकों की भागीदारी अनिवार्य है. इस अवसर पर डीजीपी क्राइम ब्रांच विनयतोष मिश्रा ने स्वागत भाषण दिया, जबकि आइजी (महिला एवं बाल अपराध निवारण शाखा) अविनाश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया. इस सम्मेलन में राज्यभर से आए अधिकारियों ने भी भाग लिया.

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