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Rourkela News: कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से महिलाओं को समर्थ बना रहा आरएसपी

Rourkela News: सेक्टर-20 आइपीडी में लाठीकटा और जलदा की 15 महिलाएं सिलाई का प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्मनिर्भर बनने में जुटी हैं.

Rourkela News: राउरकेला स्टील प्लांट (आरएसपी) के निगमित सामाजिक दायित्व (सीएसआर) विभाग की ओर से आयोजित उषा सिलाई और ग्राम उत्थान के सहयोग से सेक्टर-20 स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ पेरिफेरी डेवलपमेंट (आइपीडी) में पार्श्वांचल की महिलाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इसमें लाठीकटा ब्लॉक के अंतर्गत जलदा पुनर्वास कॉलोनी की 15 महिलाएं प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रही हैं. सत्र का संचालन उषा सिलाई स्कूल की मास्टर ट्रेनर मोनालिसा साहू द्वारा किया जा रहा है.

महिलाओं के लिए दीर्घकालिक स्थिरता और आर्थिक सशक्तीकरण सुनिश्चित होगा

यह सेक्टर-20 स्थित आइपीडी में आयोजित किया जा रहा तीसरा ऐसा कार्यक्रम है, जो ग्रामीण परिधीय गांवों पूर्णपानी और बानीगुनी में स्थापित पहले दो टीसीपीसी की उल्लेखनीय सफलताओं के बाद आयोजित किया जा रहा है. ओआरएमएएस के माध्यम से सहायता प्राप्त योजनाओं और विपणन संबंधों के साथ पूरी तरह से गठित टीसीपीसी का समर्थन और एकीकरण इस पहल को और मजबूत बनाता है, जिससे यह अधिक प्रभावशाली और परिणाम-उन्मुख बन जाता है. कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल प्रशिक्षण देना है, बल्कि छह महीने के बाद एक लहर जैसा प्रभाव पैदा करना है, प्रशिक्षित महिलाओं का मुख्य समूह समुदाय में अन्य लोगों को प्रशिक्षित करेगा और समय के साथ प्रभाव को कई गुना बढ़ायेगा. प्रशिक्षण से उद्यमिता में परिवर्तन का समर्थन करने के लिए टीसीपीसी के मुख्य समूह को शुरुआती व्यावसायिक गतिविधियों को शुरू करने के लिए 35000 रुपये की बीज पूंजी प्रदान की जायेगी. अगले चरण में, उच्च बाजार मांग के साथ कटवर्क एप्लीक वर्क जैसे मूल्य संवर्धन शुरू किये जायेंगे. इसके लिए कार्यादेश के अनुसार मुख्य समूह को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जायेगा, जिससे महिलाओं के लिए दीर्घकालिक स्थिरता और आर्थिक सशक्तीकरण सुनिश्चित होगा. उल्लेखनीय है कि कुल परियोजना लागत में टीसीपीसी विकसित करने के लिए लगभग 12 लाख रुपये और आइपीडी सीएसआर भवन सेक्टर 20 में इन-हाउस सिलाई प्रशिक्षण केंद्र विकसित करने के लिए पांच लाख रुपये शामिल हैं.

आरएसपी के प्रशिक्षण से बढ़ीं उम्मीदें

इस सिलाई प्रशिक्षण कार्यक्रम की 36 वर्षीय लाभार्थी रोसमिला माझी कहती हैं कि मैं बहुत कम आय वाले परिवार से आती हूं और गुजारा करना कभी आसान नहीं रहा. यह प्रशिक्षण मुझे उम्मीद देता है. मैं आत्मनिर्भर बनने और अपने परिवार का समर्थन करने का सपना देखती हूं, ताकि हम सम्मान और स्थिरता के साथ रह सकें. आरएसपी इस प्रमुख सीएसआर पहल को क्रियान्वित कर रहा है. जिसका उद्देश्य परिधीय समुदायों की वंचित महिलाओं को सिलाई कौशल विकास और जलदा पुनर्वास कॉलोनी में प्रशिक्षण सह उत्पादन केंद्र (टीसीपीसी) की स्थापना के माध्यम से सशक्त बनाना है. उषा सिलाई और ग्राम उत्थान के सहयोग से चलायी जा रही इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को सिलाई कौशल और उत्पादन के अवसरों से लैस करके उन्हें स्थायी आजीविका प्रदान करना है.

बेहतर आय अर्जित कर परिवार का भरण-पोषण करने को हूं उत्सुक

एक अन्य प्रतिभागी सुमित्रा मुंडा ने आशा की किरण के साथ कहा कि हालांकि मैंने कठिन समय का सामना किया है, लेकिन यहां आकर मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है. मैं और अधिक सीखने के लिए उत्सुक हूं, ताकि मैं बेहतर आय अर्जित करके अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकूं. साथी प्रशिक्षु राखी मुंडारी ने सकारात्मक माहौल की प्रशंसा करते हुए कहा कि मुझे प्रशिक्षण केंद्र का माहौल और कार्य सामंजस्य बहुत पसंद है. आरएसपी-सीएसआर प्रशिक्षण के दौरान हमारे परिवहन, भोजन और बुनियादी जरूरतों का ख्याल रख रहा है, साथ ही बहुत ही सहायक शिक्षण माहौल में मूल्यवर्धित सिलाई कौशल प्रदान कर रहा है.

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