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Rourkela News: राउरकेला जिला कांग्रेस को जल्द मिलेगा नया अध्यक्ष : डॉ पलक वर्मा

Rourkela News: राउरकेला के सात दिवसीय दौरे पर पहुंचीं एआइसीसी पर्यवेक्षक डॉ पलक वर्मा ने जिले में कांग्रेस के ढेरों शुभचिंतक होने पर खुशी जतायी.

Rourkela News: राउरकेला के सात दिवसीय दौरे पर पहुंचीं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआइसीसी) की पर्यवेक्षक डॉ पलक वर्मा ने बुधवार को जिला कार्यालय में पत्रकारों से बात की. उन्होंने कहा कि अपने दौरे के दौरान मैंने पाया है कि जिले में कांग्रेस के ढेरों शुभचिंतक हैं. उन्होंने कई बिंदु भी गिनाये, जिस पर काम करने की जरूरत है.

कांग्रेस समावेशी दल, हर तरह के विचारों का स्वागत

राउरकेला जिला कांग्रेस को कब तक नया जिलाध्यक्ष मिलेगा, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनका काम सूची तैयार कर आगे पहुंचाना है. हाइकमान इस पर निर्णय लेगा. कब तक जिलाध्यक्ष की घोषणा होगी, पूछने पर उन्होंने कहा कि गुजरात में हमें तीन महीने का समय लगा, जबकि मध्यप्रदेश में एक महीने का. हम सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद निर्णय लेंगे. लेकिन जल्द ही जिलाध्यक्ष की घोषणा हो जायेगी. डॉ पलक वर्मा ने कहा कि कांग्रेस एक समावेशी दल है, जहां हर तरह के विचारों का स्वागत रहता है. लोकतांत्रिक पद्धति से सभी कार्य निष्पादित होते हैं. जाहिर है कि कुछ कार्यकर्ताओं में नाराजगी भी रहती है, लेकिन पार्टी उसे दूर करने में सक्षम हैं. अलग-अलग विचारों के लोग कांग्रेस में हैं और यही कांग्रेस की ताकत है. डॉ वर्मा ने कहा कि उनका दौरा काफी अच्छा रहा और इस दौरान उन्होंने प्रयास किया है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच पायें.

25 सालों से हाशिये पर जा चुकी राउरकेला कांग्रेस को संजीवनी की दरकार

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से संगठन को मजबूत बनाने तथा एक सशक्त जिलाध्यक्ष का चयन करने के लिए सृजन संगठन अभियान शुरू किया गया है. राउरकेला जिला कांग्रेस कमेटी के लिए यह अभियान बुधवार को संपन्न हो गया. लेकिन इस अभियान की सफलता को लेकर कई तरह की बातें कहीं जा रही हैं. यह कहा जा रहा है कि राउरकेला विधानसभा में गत 25 वर्षाें से हाशिये पर रहे राउरकेला जिला कांग्रेस को सिर्फ सृजन संगठन नहीं, बल्कि संजीवनी की दरकार है.

2000 से लेकर 2025 तक राउरकेला विस में जीत को तरसती रही है कांग्रेस

शहर के राजनीतिक जानकारों का मानना है कि वर्तमान राउरकेला विधायक व पूर्व कांग्रेसी नेता शारदा प्रसाद नायक के वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव में बगावती तेवर के बाद कांग्रेस अब तक उबर नहीं पायी है. यहां के 2004 के चुनाव में कांग्रेस को शहर के दिग्गज नेता दिलीप राय का भी साथ मिला था, लेकिन वे भी कांग्रेस की नैया पार नहीं लगा पाये. इसके बाद वर्ष 2009 के चुनाव में महज 300 वोटों के लिए कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत जब्त होते-होते बची थी. इसके बाद गत 2014, 2019 व 2024 के चुनाव में लगातार तीन बार कांग्रेस के प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो चुकी है. इसके लिए राउरकेला जिला कांग्रेस कमेटी में जबरदस्त गुटबाजी, अनुशासनहीनता को जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है. इसके अलावा प्रदेश आला कमान का एकतरफा फैसला भी यहां कांग्रेस को कमजोर बनाने का काम करता रहा है. अब सृजन संगठन के माध्यम से राउरकेला जिला कांग्रेस की हालत सुधरेगी या इसकी हालत जस की तस रहेगी, इस पर सभी की नजर है.

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