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Bhubaneswar News: नुआपाड़ा उपचुनाव में आदिवासियों को लुभाने की कोशिश कर रहीं भाजपा, बीजद और कांग्रेस

Bhubaneswar News: नुआपाड़ा उपचुनाव में 33 प्रतिशत आदिवासी मतदाता महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे. इसलिए तीनों पार्टियों इन्हें लुभाने में जुटी हैं.

Bhubaneswar News: ओडिशा की नुआपाड़ा विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), बीजू जनता दल (बीजद) और कांग्रेस आदिवासी मतदाताओं को लुभाने की कोशिश में जुटी है क्योंकि इस निर्वाचन क्षेत्र के कुल मतदाताओं में आदिवासियों की संख्या 33 प्रतिशत से ज्यादा है.

बीजद और कांग्रेस ने अनुसूचित जाति, भाजपा ने सामान्य वर्ग के प्रत्याशी को दिया टिकट

कांग्रेस ने नुआपाड़ा से स्थानीय आदिवासी घासीराम माझी को मैदान में उतारा है, जबकि बीजद उम्मीदवार स्नेहांगिनी छुरिया अनुसूचित जाति समुदाय से तालुल्क रखती हैं. भाजपा उम्मीदवार ढोलकिया सामान्य वर्ग से हैं. वर्ष 2024 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजद उम्मीदवार राजेंद्र ढोलकिया ने घासीराम माझी को हराकर इस सीट पर जीत हासिल की थी. माझी ने कांग्रेस से टिकट न मिलने के बाद निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा था. इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे थे.

2.53 लाख मतदाताओं में 33.80 प्रतिशत आदिवासी समुदाय से

नुआपाड़ा में आदिवासियों की महत्वपूर्ण भूमिका को ध्यान में रखते हुए सभी दलों ने आदिवासियों को लुभाने के लिए अलग-अलग रणनीति तैयार की है. इस विधानसभा सीट में 2.53 लाख मतदाताओं में से 33.80 प्रतिशत लोग आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. बीजद ने आदिवासी मतदाताओं के लिए गुरुवार को नुआपाड़ा के तनुआट स्थित आदिवासी समाज भवन में एक आदिवासी सम्मेलन किया था. बीजद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष देवी प्रसाद मिश्रा ने कहा कि हमारे सम्मेलन में बड़ी संख्या में आदिवासी नेताओं व आदिवासी समुदाय के सदस्यों ने भाग लिया और बीजद उम्मीदवार के प्रति खुलकर अपना समर्थन व्यक्त किया. उन्होंने दावा किया कि नवीन पटनायक ने हमेशा आदिवासी आबादी के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और सामाजिक न्याय को प्राथमिकता दी. बीजद आदिवासियों के सम्मान, सुरक्षा और अधिकारों के लिए लड़ता रहेगा.

केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं से लुभाने में जुटी भाजपा

सत्तारूढ़ भाजपा ने बीजद के दिवंगत विधायक राजेंद्र ढोलकिया के बेटे जय को मैदान में उतारा है और आदिवासियों को लुभाने के लिए कई कदम उठाये हैं. पार्टी इस बात पर जोर दे रही है कि भाजपा आदिवासियों को बढ़ावा देती है. साथ ही पार्टी आदिवासी नेता मोहन चरण माझी के मुख्यमंत्री बनने व द्रौपदी मुर्मू को भारत का राष्ट्रपति बनाये जाने का उदाहरण दे रही है. भाजपा नेता लोगों को बता रहे हैं कि ओडिशा के सुंदरगढ़ से सांसद जुएल ओराम केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री हैं. ओराम भी आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. भाजपा प्रवक्ता अनिल बिस्वाल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने समुदाय के कल्याण के लिए एक अलग, जनजातीय मामलों का मंत्रालय शुरू किया था और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदिवासियों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलायी हैं. उन्होंने दावा किया कि आदिवासी अब समझ गए हैं कि उनका असली दोस्त कौन है. बिस्वाल ने दावा किया कि उन्होंने कांग्रेस और बीजद, दोनों को नकार दिया है. वर्ष 2024 के विधानसभा चुनावों में नुआपाड़ा निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने वाले आदिवासी नेता भुजबल अदाबंग ने 5,655 वोट हासिल किये थे. भुजबल बुधवार को भाजपा में शामिल हो गये, जिससे उपचुनावों से पहले सत्तारूढ़ पार्टी को ताकत मिली है.

आदिवासी समुदाय से प्या और स्नेह मिलने की उम्मीद : घासीराम माझी

आदिवासी समुदाय से आने वाले कांग्रेस उम्मीदवार घासीराम माझी ने दावा किया कि उन्हें अतीत में लड़े गये प्रत्येक चुनाव में आदिवासियों का आशीर्वाद मिला है और उन्हें समुदाय से इसी तरह का प्यार व स्नेह मिलने की पूरी उम्मीद है. माझी ने कहा कि उपचुनाव में एक आदिवासी को उम्मीदवार बनाना यह साबित करता है कि कांग्रेस ही इस समुदाय की सच्ची हितैषी है. बीजद व भाजपा दोनों ने आदिवासियों को नुकसान पहुंचाया है और दशकों तक उन्हें पिछड़ा रखा है.

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