Rourkela News: कोलकाता के न्यू अलीपुर इलाके की कैंसर मरीज माला गोस्वामी ( 73 वर्षीय) से डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 49 लाख रुपये की ठगी के मामले में कोलकाता पुलिस ने राउरकेला से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. इस मामले में संलिप्त एक अन्य आराेपी फरार है. दोनों आरोपी भाई हैं.
पार्सल में विदेशी मुद्रा होने की बात कहकर धमकाया
जानकारी के अनुसार कोलकाता के न्यू अलीपुर थाना अंचल के निवासी चंद्रप्रकाश और शिवम तुलस्यान ने 14 फरवरी को माला गोस्वामी को फोन किया था. उन्होंने कहा कि उनके नाम से एक पार्सल आया है. उन्होंने बताया कि पार्सल में पैन कार्ड, आधार कार्ड और बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा थी. उन्होंने माला को धमकी देते हुए कहा कि अगर उन्होंने 49 लाख रुपये नहीं दिये तो उनके खिलाफ मामला दर्ज कर दिया जायेगा. इससे डरकर माला ने आरटीजीएस के जरिए 49 लाख रुपये उनके खाते में ट्रांसफर कर दिये. इसके बाद 14 से 20 तारीख तक उन्हें घर से बाहर न निकलने की धमकी दी.
पड़ोसियों ने किया सहयोग, थाना में दर्ज कराया मामला
पीड़ित माला का बेटा बेंगलुरु में रहता है. यह सुनकर कि उसकी मां घर से बाहर नहीं आ रही है, उसे आश्चर्य हुआ और उसने पड़ोसी से अपने घर जाकर जानकारी लेने को कहा. पड़ोसी के वहां पर पहुंचने पर माला से ठगी का पता चला व उसे थाना लेकर गये. पुलिस ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी. सबसे पहले आरोपियों के खाते फ्रीज कर दिये गये. इसके बाद चंद्रप्रकाश ने माला को फोन कर कहा कि वह पैसे लौटा देगा. लेकिन खाता फ्रीज हाेने के कारण उसने कहा कि वे कोलकाता आकर पैसा सौंप देंगे. वहीं, दूसरी ओर दोनों आरोपी भाई के राउरकेला में होने का पता चलने पर न्यू अलीपुर थाना पुलिस दोनों की तलाश में गुरुवार को राउरकेला पहुंची. चंद्रप्रकाश तुलस्यान (19) को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया, जबकि उसका बड़ा भाई शिवम फरार है.
तीन मई को दर्ज किया गया था मुकदमा
आरोपी पर तीन मई को मुकदमा दर्ज किया गया. न्यायाधीश ने उसका मामला सुना और तुरंत जमानत दे दी. लेकिन, उन्हें दो महीने तक न्यू अलीपुर पुलिस स्टेशन क्षेत्र से बाहर नहीं जाने का आदेश दिया गया है. न्यायाधीश ने कहा कि उन्हें प्रतिदिन शाम छह बजे से नौ बजे तक पुलिस थाने में उपस्थित होना होगा. इससे पहले इन दोनों भाइयों ने डिजिटल गिरफ्तारी के नाम पर 49 लाख रुपये की ठगी करने के बाद 13 लाख रुपये अपने दोस्तों को दे दिया था. वहीं दोनों भाई ओडिशा के विभिन्न हिस्सों में घूमते थे, पैसा कमाते थे और विलासितापूर्ण जीवन जीते थे.
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