प्रसिद्ध वेदव्यास मेला बुधवार (26 फरवरी) से शुरू हो रहा है. यह 11 मार्च तक चलेगा. यह मेला 121वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. मेले को लेकर जिला प्रशासन की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. मेले में देश के विभिन्न राज्यों से करीब एक हजार व्यापारी जुट रहे हैं. ट्रस्ट की ओर से मेले के लिए विशेष व्यवस्था की गयी है. हर दिन ओडिशा, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों से श्रद्धालु आयेंगे. वेदव्यास शैव पीठ को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के बाद से यहां सौंदर्यीकरण का कार्य भी चल रहा है. वेदव्यास क्षेत्र गुरुकुल आश्रमों सहित विभिन्न देवी-देवताओं के मंदिरों से भरा हुआ है. पीठ परिसर में श्री जगन्नाथ, श्री रघुनाथ, मां दुर्गा मंदिर, हनुमान मंदिर, श्री चंद्रशेखर और श्री बालुंकेश्वर के प्राचीन मंदिर हैं. यहां श्री राधाकृष्ण मंदिर और विश्वनाथ मंदिर भी हैं. देवी सरस्वती का मंदिर सरस्वती नदी के उद्गम स्थल पर स्थित है.
वर्ष 1090 से अनवरत चल रहा है अखंड महामंत्र नाम संकीर्तनश्री बालुंकेश्वर महादेव मंदिर के सामने अखंड महामंत्र नाम संकीर्तन 1990 से अनवरत चल रहा है. पवित्र नामों का रात्रिकालीन जाप, जो 34 वर्षों से चल रहा है, इस मंदिर का एक आकर्षण है. हाल ही में स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती द्वारा स्थापित वैदिक गुरुकुल आश्रम यहां मौजूद है. प्रसिद्ध वेदव्यास शैव पीठ का नाम हिंदू महाकाव्य महाभारत के रचयिता महर्षि व्यास के नाम पर रखा गया है. इस स्थान की एक और विशेषता यह है कि प्रयागराज की तरह यह भी एक संगम क्षेत्र है. यहीं पर राज्य की सबसे बड़ी नदियों में से एक ब्राह्मणी नदी का उद्गम होता है, जो सरस्वती, कोयल और शंख नदियों के संगम पर स्थित है. इसलिए इस भव्य शैव पीठ पर होने वाले साल के सबसे बड़े उत्सव के प्रति श्रद्धालुओं में उत्साह हमेशा बरकरार रहता है.
मेले को लेकर व्यापक सुरक्षा प्रबंध, सात प्लाटून पुलिस तैनातशासन और वेदव्यास ट्रस्ट बोर्ड के पदाधिकारी मेले के लिए व्यापक प्रबंध किए हैं. मेला शिवरात्रि महोत्सव के साथ 13 दिनों तक आयोजित किया जायेगा. शिवरात्रि की शाम से लेकर अगली सुबह तक बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पानपोष स्थित ब्राह्मणी सेतु से मेला मैदान तक सात प्लाटून पुलिस तैनात की जायेगी. इसके अलावा यातायात पुलिस, होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा बल, स्वयंसेवक भी शामिल रहेंगे. साथ ही महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए महिला पुलिस की एक टुकड़ी तैनात की जायेगी. राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारी वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा. इसके अलावा दांडियापाली चौक से कई लोग नीचे उतरकर रेल पटरी पार कर मेला भी जाते हैं. ऐसी स्थिति में दुर्घटना की आशंका के कारण रेलवे पटरियों पर यात्रियों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. मेला स्थल पर अग्निशमन कर्मी मेले के दिन से लेकर समापन तक 24 घंटे तैयार रहेंगे. इसी तरह ब्राह्मणी नदी घाट पर बैरिकेडिंग कर दी गयी है. मेला स्थल पर 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है. साथ ही मंदिर एवं ट्रस्ट बोर्ड कार्यालय के पास वहां जनरेटर प्रणाली होगी. जन स्वास्थ्य विभाग को जनता के लिए पर्याप्त पेयजल सुनिश्चित करने का कार्य सौंपा गया है. पेयजल के लिए मेला परिसर में विभिन्न स्थानों पर सिंटेक्स टैंक की व्यवस्था की गयी है. प्रत्येक दुकानदार को रेत से भरी एक बाल्टी रखने की सलाह दी गया है. श्री चंद्रशेखर, बालुंकेश्वर,सरस्वती, जगन्नाथ आदि मंदिरों में रंग-बिरंगी रोशनी की व्यवस्था की जायेगी. नदी घाटों और मेला मैदानों पर प्रकाश की व्यवस्था की गयी है.आपातस्थिति के लिए एम्बुलेंस तैयार रहेंगी.
गुरुकुल आश्रम की दीवार के पास पार्किंग की व्यवस्था : ट्रस्ट बोर्ड कार्यालय के पास एक अस्थायी स्वास्थ्य शिविर की व्यवस्था की गयी है. कार्यक्रम स्थल पर एक डॉक्टर मौजूद रहेंगे तथा आवश्यक दवा भी उपलब्ध करायी जायेगी. मेला मैदान और मंदिर के आसपास के क्षेत्र की सफाई कर दी गयी है. ऑटो, कार और बसें वेदव्यास चौक से गुरुकुल आश्रम तक जायेंगी. चार पहिया वाहनों व ऑटो के लिए गुरुकुल आश्रम के सामने तथा बाइक व स्कूटर के लिए गुरुकुल आश्रम की दीवार के पास पार्किंग की व्यवस्था की गयी है. शिवरात्रि पर शाम 6 बजे से सुबह 5 बजे तक भजन कार्यक्रम होगा.पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी मेले का मुख्य आकर्षण राम झूला होगा. इसके अलावा यहां ब्रेक डांस, टुराटुरा, ऑक्टोपस और नाव जैसे झूलते आकर्षण भी होंगे. वहां विभिन्न खिलौने, बिजली के सामान, मछली के व्यंजन, कपड़े, बरतन और लोहे के सामान बेचने वाली कई दुकानों के साथ खाने-पीने के स्टाल, कपड़े समेत अन्य दुकानें भी होंगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है