Sambalpur News: संबलपुर स्थित ओयूएटी चिपिलीमा कृषि महाविद्यालय में शुक्रवार को एक नये अत्याधुनिक सभागार (ऑडिटोरियम) का उद्घाटन किया गया. इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यह नया ऑडिटोरियम न केवल छात्रों के बौद्धिक विकास में सहायक सिद्ध होगा, बल्कि आसपास के जिलों के किसानों की दक्षता वृद्धि में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा. श्री प्रधान ने कहा कि चिपिलीमा का यह ओयूएटी कैंपस एक ‘हीरे की खान’ है, जहां से नये-नये प्रतिभाशाली छात्र-छात्राएं तैयार होते हैं.
हॉस्टल, अकादमिक और प्रशासनिक ब्लॉक का होगा निर्माण
श्री प्रधान ने कहा कि इस परिसर की आधारभूत संरचना को और अधिक मजबूत बनाने के लिए राज्य सरकार ने अतिरिक्त 80 करोड़ रुपये की अनुदान राशि की व्यवस्था की है, जिससे हॉस्टल, अकादमिक और प्रशासनिक ब्लॉक सहित विभिन्न सुविधाओं का विकास किया जायेगा. शुक्रवार को करीब 10.50 करोड़ रुपये की लागत से बने ऑडिटोरियम का लोकार्पण हुआ. यह सभागार छात्रों के शैक्षणिक और बौद्धिक विकास के साथ-साथ किसानों को प्रशिक्षण देने, धान और अन्य फसलों की उत्पादकता बढ़ाने, फसल क्षति को कम करने तथा कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में सहायता करेगा. श्री प्रधान ने कहा कि ओयूएटी, चिपिलीमा विकसित ओडिशा और विकसित भारत के बीच एक सेतु बनेगा. उन्होंने इस अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और राज्य सरकार को धन्यवाद भी ज्ञापित किया.
किसानों को सशक्त बनाना सरकार की प्राथमिकता
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संबलपुर की कृषि क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. यह न केवल आर्थिक बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का मूल आधार है. किसानों को सशक्त बनाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. भविष्य में चिपिलीमा कृषि महाविद्यालय में कृषि में तकनीकी प्रयोग को लेकर नये पाठ्यक्रम भी शुरू किये जायेंगे. श्री प्रधान ने यह भी बताया कि सरकार की योजना है कि किसानों को बेहतर प्रशिक्षण प्रदान किया जाये, धान एवं अन्य कृषि उत्पादों की पैदावार में वृद्धि हो, फसलों की बर्बादी को रोका जाये और संबलपुर जिले की कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था को सशक्त किया जाये. यहां कृषि के विभिन्न क्षेत्रों में नये विभाग खोलने के प्रयास किये जायेंगे.
खरीफ सीजन में राज्य सरकार ने 70 लाख क्विंटल धान खरीदा
श्री प्रधान ने कहा कि डबल इंजन सरकार के तहत ओडिशा के किसानों को धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत प्रति क्विंटल 3100 रुपये दिये जा रहे हैं. खरीफ सीजन में राज्य सरकार ने 70 लाख क्विंटल से अधिक धान की खरीद की है. रबी सीजन में भी धान की खरीद प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है. श्री प्रधान ने कहा कि किसानों की इस तरह की चिंता पहले किसी सरकार ने नहीं की थी. डबल इंजन सरकार में धान मंडियों की व्यवस्था बेहतर की जायेगी. इसके अतिरिक्त, भारत सरकार के सहयोग से इस क्षेत्र में लगभग 100 करोड़ की लागत से एक आधुनिक मत्स्य प्रसंस्करण प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जायेगा. यहां ओएमफेड द्वारा सिर्फ दूध ही नहीं, बल्कि दूध पाउडर और चॉकलेट जैसे उत्पाद भी तैयार किये जायेंगे. श्री प्रधान ने कहा कि कुचिंडा की मिर्च, संबलपुर का धान, दलहन उत्पाद, पेयजल, दुग्ध और पशुपालन जैसी स्थानीय संभावनाओं का उपयोग किया जायेगा और यहां की स्थानीय कृषि उपज को वैश्विक बाजार तक पहुंचाने की योजना बनायी जायेगी. इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री केवी सिंहदेव और ग्रामीण विकास, पंचायती राज एवं पेयजल मंत्री रवि नारायण नायक सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है