Rourkela News: पश्चिमी ओडिशा के प्रसिद्ध शैव पीठ वेदव्यास में 26 तारीख से ऐतिहासिक महाशिवरात्रि मेला शुरू होगा, जो 11 मार्च तक चलेगा. इस वर्ष मेला में जिले के भीतर और बाहर से 1000 से अधिक व्यापारियों के पहुंचने की उम्मीद है. यह पश्चिमी ओडिशा का सबसे पुराना मेला है, इसलिए पड़ोसी राज्यों झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से व्यापारी इसमें शामिल होते हैं.
सात प्लाटून पुलिस फोर्स, महिला पुलिस की एक टुकड़ी होगी तैनात
प्रशासन और वेदव्यास ट्रस्ट बोर्ड के पदाधिकारी मेला के लिए व्यापक प्रबंध में जुटे हैं. यह मेला शिवरात्रि महोत्सव के साथ 13 दिनों तक आयोजित किया जायेगा. पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये जा रहे हैं. बताया गया है कि शिवरात्रि की शाम से लेकर अगली सुबह तक लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पानपोष स्थित ब्राह्मणी सेतु से मेला मैदान तक करीब सात प्लाटून पुलिस तैनात की जायेगी. आवश्यकतानुसार अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती का भी प्रावधान रखा गया है. इसके अलावा यातायात पुलिस, होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा बल, स्वयंसेवक भी शामिल रहेंगे. साथ ही महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए महिला पुलिस की एक टुकड़ी तैनात की जायेगी. राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारी वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा. इसके अलावा दांडियापाली चौक से कई लोग नीचे उतरकर रेल पटरी पार करके मेला जाते हैं. ऐसी स्थिति में दुर्घटना की आशंका के कारण रेलवे पटरियों पर यात्रियों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
ब्राह्मणी नदी घाट की हुई बैरिकेडिंग, चौबीसों घंटे बिजली आपूर्ति की होगी व्यवस्था
मेला स्थल पर आग लगने के खतरे के कारण अग्निशमनकर्मियों को मेला के दिन से लेकर समापन तक चौबीसों घंटे तैयार रहने को कहा गया है. इसी तरह ब्राह्मणी नदी घाट पर बैरिकेडिंग कर दी गयी है. मेला स्थल पर विद्युत ट्रांसफॉर्मर लगाकर 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था रहेगी. साथ ही मंदिर एवं ट्रस्ट बोर्ड कार्यालय के पास जनरेटर प्रणाली स्थापित होगी. जन स्वास्थ्य विभाग को जनता के लिए पर्याप्त पेयजल सुनिश्चित करने का कार्य सौंपा गया है. पेयजल के लिए मेला परिसर में विभिन्न स्थानों पर सिंटेक्स टैंक की व्यवस्था की जायेगी. प्रत्येक दुकानदार को रेत से भरी एक बाल्टी रखने की सलाह दी गयी है. श्री चंद्रशेखर, बालुंकेश्वर, सरस्वती, जगन्नाथ आदि मंदिरों में रंग-बिरंगी रोशनी की व्यवस्था की जायेगी. नदी घाटों और मेला मैदानों पर प्रकाश की व्यवस्था की जायेगी. इसी प्रकार नदी घाटों और मंदिरों तक श्रद्धालुओं के लिए बैरिकेडिंग की व्यवस्था भी पूरी सावधानी के साथ की जा रही है. आपातस्थिति के लिए एंबुलेंस तैयार रहेंगी. ट्रस्ट बोर्ड कार्यालय के पास एक अस्थायी स्वास्थ्य शिविर होगा. कार्यक्रम स्थल पर एक डॉक्टर मौजूद रहेगा तथा आवश्यक दवाइयां भी उपलब्ध करायी जायेंगी.गुरुकुल आश्रम तक ऑटो, कार और बसों की इंट्री
मेला मैदान और मंदिर के आसपास के क्षेत्र की सफाई कर दी गयी है. ऑटो, कार और बसें वेदव्यास चौक से गुरुकुल आश्रम तक जायेंगी. चार पहिया वाहनों व ऑटो के लिए गुरुकुल आश्रम के सामने तथा बाइक व स्कूटर के लिए गुरुकुल आश्रम की दीवार के पास पार्किंग की व्यवस्था की गयी है. शिवरात्रि पर शाम 6 बजे से सुबह 5 बजे तक भजन कार्यक्रम होगा. पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी मेला का मुख्य आकर्षण राम झूला होगा. इसके अलावा यहां ब्रेक डांस, टुराटुरा, ऑक्टोपस और नाव जैसे झूले आकर्षण होंगे. वहां विभिन्न खिलौने, बिजली के सामान, मछली के व्यंजन, कपड़े, बर्तन और लोहे के सामान की कई दुकानों के साथ खाने-पीने के स्टाल आदि होंगे.व्यापारियों को स्थान आवंटन में अनियमितता से आक्रोश
वेदव्यास मेला में 1,000 छोटी-बड़ी दुकानें विभिन्न राज्यों से पहुंचे व्यापारी लगायेंगे. लेकिन इन व्यवसायियों को जगह आवंटित करने में व्यापक अनियमितता की शिकायतें मिल रही हैं. जानकारी के अनुसार, एक सप्ताह पहले ही प्रदेश और बाहर से व्यापारी पहुंच चुके हैं. लेकिन निर्धारित स्थान के आवंटन को लेकर अधिकारियों में समन्वय की कमी बनी हुई है. यह समस्या इसलिए पैदा हुई है, क्योंकि इस निर्धारित स्थान के आवंटन की जिम्मेदारी एक खास व्यक्ति के पास है. व्यापारियों की मांग है कि प्रशासन इस संबंध में तत्काल कार्रवाई करे, ताकि इस समस्या का समाधान हो सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

