Rourkela News : नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआइटी) राउरकेला के फाउंडेशन फॉर टेक्नोलॉजी एंड बिजनेस इन्क्यूबेशन (एफटीबीआई) ने इनोवेशन थ्रू टेक्नोलोजी, फ्रॉम आइडिया टू इंपैक्ट तथा इनोवेट फॉर माइनिंग, स्मार्ट सोल्यूशन फॉर माइनिंग विषय पर एक दिवसीय हैकाथॉन और कार्यशाला का सफल आयोजन गुरुवार को किया. यह आयोजन इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड के सहयोग से संपन्न हुआ.
14 नवाचार टीमों ने तकनीक-आधारित उपयोगी मॉडल प्रस्तुत किये
इस कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ ऋषि मोहन भटनागर (राष्ट्रीय संयोजक, शिक्षा एवं प्रौद्योगिकी गतिविधि, भारतीय शिक्षण मंडल) द्वारा किया गया. इस अवसर पर प्रो सुव्रत कुमार पंडा (अध्यक्ष, एफटीबीआइ) एवं प्रो राजीव कुमार पंडा (अध्यक्ष, छात्र गतिविधि केंद्र-एसएसी, एनआइटी राउरकेला) ने प्रतिभागियों को संबोधित किया और युवा नवप्रवर्तकों को रचनात्मक सोच विकसित करने एवं प्रौद्योगिकी की सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया. इस कार्यक्रम में ओडिशा के विभिन्न संस्थानों से आये 80 से अधिक छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. कुल 14 नवाचार टीमों ने हैकाथॉन में प्रतिस्पर्धा करते हुए खनन और औद्योगिक क्षेत्रों से संबंधित वास्तविक चुनौतियों के समाधान के लिए तकनीक-आधारित उपयोगी मॉडल प्रस्तुत किये. कार्यशाला सत्रों में प्रतिभागियों को नवाचार, उद्यमिता एवं समस्या समाधान कौशल विकसित करने के लिए प्रशिक्षित किया गया. उद्योग विशेषज्ञों एवं अकादमिक मेंटर्स ने प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया कि वे अपने विचारों को व्यावहारिक एवं विस्तार योग्य व्यावसायिक परियोजनाओं में कैसे परिवर्तित कर सकते हैं. इसमें 1,00,000 रुपये की कुल पुरस्कार राशि के साथ इस आयोजन में सबसे प्रभावशाली एवं संभावनाशील नवाचारों को सम्मानित किया गया. समापन सत्र में चिरंजीवी सामल (मुख्य कार्यकारी अधिकारी, एफटीबीआइ) ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और एनआइटी राउरकेला में स्टार्टअप संस्कृति को प्रोत्साहित करने एवं एक सशक्त नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने में एफटीबीआइ की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला.
एनआइटी में एकदिवसीय यूजर्स जागरुकता कार्यक्रम संपन्न
यूजीसी-इनफ्लिबनेट की ओर से प्रायोजित एक दिवसीय यूजर्स जागरुकता कार्यक्रम राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) राउरकेला में संपन्न हुआ. इसका शीर्षक बौद्धिक समाज के लिए आइआरआइएनएस इनफ्लिबनेट सेवाएं था. यह आयोजन सूचना एवं पुस्तकालय नेटवर्क (इनफ्लिबनेट) केंद्र, गांधीनगर और बीजू पटनायक केंद्रीय पुस्तकालय, एनआइटीआर द्वारा संयुक्त रूप से किया गया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और पुस्तकालय पेशेवरों के बीच आइआरआइएनएस, विद्वान, शोध-चक्र और ओएनओएस सेवाओं के बारे में जागरुकता बढ़ाना था. उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो स्वदेश कुमार प्रतिहार (डीन, एसआरआइसीसीइ, एनआईटी) और विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो रोहन धीमान (रजिस्ट्रार, एनआइटीआर) तथा प्रो दुर्गा प्रसाद महापात्र (अध्यक्ष, बीपीसीएल) उपस्थित रहे. उन्होंने शोध दृश्यता की भूमिका पर प्रकाश डाला. उप-पुस्तकालयाध्यक्ष (संयोजक) डॉ दिव्य किशोर प्रधान और बीपीसीएल की एचओसी (सह-संयोजक) पुष्पिता मिश्रा ने इस कार्यक्रम का समन्वय किया. भारत के विभिन्न संस्थानों के 96 प्रतिभागियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया और इनफ्लिबनेट केंद्र के दिनेश रंजन प्रधान और पल्लव प्रधान तथा एनआइटी राउरकेला के डॉ दिव्य किशोर प्रधान द्वारा आयोजित विशेषज्ञ सत्रों में भाग लिया. जिसमें शोध की दृश्यता और सहयोग बढ़ाने जैसे प्रमुख विषयों पर चर्चा की गयी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

