Bhubaneswar News: ओडिशा विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने राज्य की 15 महीने पुरानी भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए विपक्षी कांग्रेस का नोटिस सोमवार को खारिज कर दिया. पाढ़ी ने नोटिस खारिज करते हुए कहा कि पिछले तीन दिनों से सदन की कार्यवाही में लगातार व्यवधान के कारण इसे पेश नहीं किया जा सका. कांग्रेस ने दावा किया कि नोटिस बिना किसी वैध कारण के खारिज कर दिया गया और पार्टी ने विधानसभा परिसर में धरना शुरू कर दिया.
कांग्रेस के 14 व माकपा के एक सदस्य ने नोटिस पर किया था हस्ताक्षर
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने 18 सितंबर को विधानसभा सचिव को नोटिस सौंपा था और उन्होंने (पाढ़ी) अधिकारियों से अगले दिन इसे चर्चा के लिए लाने को कहा था. उन्होंने कहा कि हालांकि, सदन में लगातार हंगामे के कारण नोटिस पर चर्चा नहीं हो सकी. कांग्रेस विधायक दल के 14 सदस्य हैं और उसने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एक विधायक सहित 15 विधायकों के हस्ताक्षरों के साथ अविश्वास प्रस्ताव नोटिस दिया था. कांग्रेस ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति कथित तौर पर खराब होने, महिलाओं के खिलाफ अपराध में वृद्धि होने का आरोप लगाते हुए कहा था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार किसानों की समस्या एवं बेरोजगारी जैसे मुद्दों से निपटने में विफल रही है. कांग्रेस ने भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नोटिस का समर्थन करने का बीजू जनता दल (बीजद) से भी अनुरोध किया था. कांग्रेस ने अपने विधायकों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप भी जारी किया था, क्योंकि अध्यक्ष नोटिस स्वीकार कर सकते हैं.
बीजद-भाजपा विरोधी नारे लगाने के बाद सदन से किया बहिर्गमन
दिन में विधानसभा अध्यक्ष के फैसले का विरोध करते हुए कांग्रेस विधायक सदन में आसन के सामने आ गये और बीजद व भाजपा विरोधी नारे लगाने के बाद सदन से बहिर्गमन कर गये. बाद में, आंदोलनकारी सदस्य विधानसभा परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरने पर बैठ गये. सरकार के मुख्य सचेतक सरोज प्रधान धरना स्थल पर आये और उनसे सदन में लौटने और कार्यवाही में भाग लेने का आग्रह किया. हालांकि, कांग्रेस सदस्य बारिश के बावजूद गांधी प्रतिमा के पास बैठे रहे.
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