Rourkela News: राउरकेला एयरपोर्ट के विस्तार को नयी गति मिली है. इसे लेकर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआइ) ने इस सप्ताह एक महत्वपूर्ण बाधा सीमा सतह (ओएलएस) सर्वेक्षण शुरू करने के लिए एक तकनीकी टीम तैनात की है. यह कार्य पूरा होने के बाद राउरकेला एयरपोर्ट का सर्वांगीण विकास करने का मार्ग प्रशस्त होगा. इसके साथ ही केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री सह स्थानीय सांसद जुएल ओराम ने इस एयरपोर्ट का विकास करने के लिए अपने मंत्रालय, एएआइ व ओडिशा सरकार से 100 करोड़ रुपये का अनुदान दिलाने की घाेषणा की है. वहीं एयरपोर्ट का विकास करने के लिए शुरू किया गया ओएलएस सर्वे एयरपोर्ट को कोड 4सी श्रेणी में अपग्रेड करने की योजना में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो एयरबस ए320 और बोइंग 737 जैसे बड़े विमानों के संचालन को सक्षम करेगा, जिससे इस्पात शहर प्रभावी रूप से भारतीय विमानन संपर्क की मुख्यधारा में आ जायेगा.
22 अप्रैल तक चलेगा एयरपोर्ट के लिए ओएलएस सर्वेक्षण का काम
एएआइ की ओर से नियोजित एक वरिष्ठ जीआइएस विश्लेषक, एक जीआइएस विश्लेषक और एक सहयोगी सलाहकार वाली समर्पित टीम द्वारा 15 से 22 अप्रैल तक ओएलएस सर्वेक्षण किया जा रहा है. हालांकि इसकी शुरुआत में मामूली देरी हुई, लेकिन सप्ताह भर चलने वाला तकनीकी मूल्यांकन हवाई अड्डे को कैट-1 इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आइएलएस) समर्थन के साथ पूरी तरह सक्षम इंस्ट्रूमेंट फ्लाइट रूल्स (आइएफआर) अनुपालक हब में बदलने की योजना के लिए अभिन्न है. एक बार पूरा हो जाने पर उन्नत सुविधा प्रतिकूल मौसम की स्थिति सहित चौबीसों घंटे बड़े विमान संचालन को संभालने के लिए सुसज्जित होगी.एयरपोर्ट काे विकसित करने के लिए ओडिशा व केंद्र सरकार ने शुरू किया साझा प्रयास
राउरकेला एयरपोर्ट के उन्नयन की परिकल्पना ओडिशा और केंद्र सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आगे बढ़ायी गयी है, जो इस औद्योगिक क्षेत्र में हवाई संपर्क में सुधार की तत्काल आवश्यकता को समझती है. राउरकेला के एक शैक्षिक और औद्योगिक केंद्र के रूप में तेजी से विकास के साथ विशेष रूप से राउरकेला स्टील प्लांट और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान की उपस्थिति से प्रेरित होकर यात्री और माल ढुलाई के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की एक अनिवार्य आवश्यकता है. इस वर्ष की शुरुआत में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राज्य के वाणिज्य और परिवहन विभाग ने औपचारिक रूप से एएआइ को विस्तार का प्रस्ताव दिया, सर्वेक्षण की लागत वहन करने और एक व्यापक मास्टर प्लान के विकास का अनुरोध करने के लिए प्रतिबद्ध किया.2700 मीटर लंबा होगा राउरकेला एयरपोर्ट का रनवे
प्रस्तावित मास्टर प्लान में मौजूदा रनवे को 2,700 मीटर लंबा और 45 मीटर चौड़ा करने के साथ-साथ डॉपलर वीएचएफ ओमनी रेंज (डीवीओआर) नेविगेशन सहायता और कैट-1 आइएलएस की स्थापना शामिल है. यह विकास राउरकेला हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और नेविगेशन मानकों के अनुरूप बनायेंगे, जिससे निर्बाध क्षेत्रीय और राष्ट्रीय संपर्क संभव होगा. इससे पूर्व मार्च में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री, ओडिशा के राजस्व और परिवहन मंत्री, राउरकेला स्टील प्लांट (सेल के तहत) के वरिष्ठ अधिकारी और स्थानीय जिला प्रशासन ने इन जटिलताओं को सुलझाने और मंजूरी को तेजी से आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखा. सेल ने ओडिशा सरकार के माध्यम से एएआई को आवश्यक भूमि सौंपने पर सहमति व्यक्त की है.केंद्रीय मंत्री की पहल के बाद विकास के लिए राशि मिलने की उम्मीदें बढ़ीं
केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम ने एएआइ/ओडिशा सरकार/आदिवासी मंत्रालय से राउरकेला हवाई अड्डे के विकास के लिए कम से कम 100 करोड़ रुपये स्वीकृत करने की प्रतिबद्धता जतायी है. वहीं इस परियोजना के लिए अधिक धनराशि की आवश्यकता होती है, तो एएआइ इस शर्त के साथ प्रदान कर सकता है कि राउरकेला हवाई अड्डे का पूर्ण स्वामित्व उसे हस्तांतरित किया जाये. राउरकेलावासियों के लिए यह एक अच्छी खबर है कि केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री (भारत सरकार), राजस्व मंत्री और ओडिशा सरकार के आवास व शहरी मंत्री सहित ओडिशा के मुख्यमंत्री इस राउरकेला हवाई अड्डे की परियोजना को प्राथमिकता दे रहे हैं.सचेतन नागरिक मंच समेत अन्य संगठनों ने दिया है समर्थन
सचेतन नागरिक मंच जैसे नागरिक समूहों और अन्य संगठनों ने इस परियोजना को समर्थन दिया है, जिससे इस क्षेत्र को आर्थिक और सामाजिक रूप से ऊपर उठाने की इसकी क्षमता पर जोर दिया जा रहा है. लोगों में यह भावना बढ़ रही है कि राउरकेला को एक आधुनिक, उच्च क्षमता वाला हवाई अड्डा मिलना चाहिए, जो इसके रणनीतिक औद्योगिक महत्व को दर्शाता हो और हरित, समावेशी शहरी विकास का समर्थन करता हो. बेहतर हवाई संपर्क से लंबी दूरी की यात्रा के लिए सड़क और रेल पर निर्भरता कम होने की भी उम्मीद है, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आयेगी और यात्रा दक्षता में सुधार होगा.पश्चिम ओडिशा के लिए मील का पत्थर साबित होगा
यदि तय समय पर कार्य पूरा हो जाता है, तो राउरकेला हवाई अड्डे का विस्तार पश्चिमी ओडिशा के लिए एक परिवर्तनकारी मील का पत्थर साबित हो सकता है, जिससे पर्यटन, व्यापार और विकास के लिए मार्ग खुल जायेगा. चूंकि भारत का नागरिक उड्डयन क्षेत्र सतत विकास के लिए प्रयासरत है, इसलिए इस तरह की परियोजनाएं बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और क्षेत्रीय समानता के चौराहे पर खड़ी हैं, जो भविष्य के लिए तैयार शहरी परिदृश्य के लिए आवश्यक हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है