21.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Rourkela News: आइजीएच में क्वाड्रिपैरेसिस से ग्रसित मरीज का किया गया इलाज

Rourkela News: आरएसपी के आइजीएच में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने उन्नत न्यूरोसर्जिकल चिकित्सा में उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया.

Rourkela News: राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) के इस्पात जनरल हॉस्पिटल (आइजीएच) के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने उन्नत न्यूरोसर्जिकल चिकित्सा में अपनी निरंतर उत्कृष्टता का प्रदर्शन करते हुए क्वाड्रिपैरेसिस से ग्रसित उन्नत चरण के मेरुदंडीय क्षय रोग से पीड़ित 59 वर्षीय एक पुरुष मरीज की गतिशीलता बहाल की और श्वसन विफलता को सफलतापूर्वक टाल दिया.

अंगों को हिलाने-डुलाने में असमर्थ था मरीज

नकदी भुगतान श्रेणी में भर्ती यह रोगी तीन सप्ताह से बिस्तर पर था और अपने अंगों को हिलाने-डुलाने में बिलकुल असमर्थ था. उसने पहले राउरकेला के कई अस्पतालों से परामर्श लिया था, जिनमें से अंतिम अपोलो अस्पताल था, जहां एमआरआइ से पता चला कि क्षय रोग ग्रीवा और काठ दोनों रीढ़ को प्रभावित कर रहा है. चूंकि वहां शल्यचिकित्सा नहीं की जा सकी, इसलिए उसे आगे के उपचार के लिए आइजीएच लाया गया. भर्ती के समय, रोगी की हालत गंभीर थी, उसकी सांस रोकने की क्षमता केवल 10 सेकंड थी, जो आसन्न श्वसन विफलता का संकेत था. जिसके लिए वेंटिलेटरी सपोर्ट की आवश्यकता थी. ग्रीवा रीढ़ की एमआरआइ से सी4-सी5 स्तर पर तपेदिक का पता चला, जिसमें मवाद जमा होने से रीढ़ की हड्डी दब गयी थी, साथ ही एल1-एल2 स्तर पर भी संक्रमण पाया गया. गहन श्वसन व्यायाम शुरू किये गये और रोगी को 72 घंटों के भीतर शल्यचिकित्सा के लिए तैयार कर दिया गया.

ऑपरेशन के बाद, मरीज में उल्लेखनीय सुधार देखा गया

शल्यचिकित्सा वरिष्ठ परामर्शदाता (न्यूरोसर्जरी) डॉ मनोज कुमार देव द्वारा सफलतापूर्वक की गयी, जिसमें सिस्टर गोधुली और ब्रदर कमलाकर ने सहायता प्रदान की. अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एनेस्थीसिया) डॉ संजुक्ता पाणिग्राही द्वारा एनेस्थीसिया दिया गया. ऑपरेशन के बाद, मरीज में उल्लेखनीय सुधार देखा गया, उसके ऊपरी और निचले दोनों अंगों में गतिशीलता वापस आ गयी और उसकी सांस रोकने की क्षमता 10 सेकंड से बढ़कर 24 सेकंड हो गयी. ऑपरेशन के बाद की देखभाल सिस्टर गौरी, सिस्टर सस्मिता, सिस्टर सोनिया, सिस्टर मनीषा, सिस्टर रूबी, सिस्टर नमिता और सिस्टर प्रियंका द्वारा अत्यंत सावधानीपूर्वक की गयी. मरीज ने आइजीएच में प्राप्त गहन उपचार और करुणामयी चिकित्सा सेवा पर गहरा संतोष व्यक्त किया. अब वह एक महीने बाद आइजीएच में अपनी काठ की रीढ़ की हड्डी के क्षय रोग का शल्यचिकित्सा कराने की योजना बना रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel