चक्रधरपुर.प्राइवेट स्कूलों की मनमानी और शिक्षा के व्यवसायीकरण करने के खिलाफ झामुमो नेता रामलाल मुंडा के नेतृत्व में अभिभावकों ने प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी कार्यालय चक्रधरपुर के समीप सोमवार को धरना प्रदर्शन किया. जिसमें रामलाल मुंडा भूख हड़ताल पर बैठे थे.
जानकारी के अनुसार, पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत श्री मुंडा सुबह सात बजे से ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिये थे. जिसके बाद धीरे-धीरे अभिभावक पहुंचे और धरना का समर्थन किया. मामला बड़ा होते देख प्रशासन जाग गया. बीडीओ कांचन मुखर्जी, जिला शिक्षा अधीक्षक प्रवीण कुमार बीआरसी चक्रधरपुर पहुंचे. जहां चक्रधरपुर के प्राइवेट स्कूलों के प्रिंसिपलों को बुलाया गया. इस मामले में प्रिंसिपलों से वार्ता हुई, फिर धरना प्रदर्शन स्थल में पदाधिकारी और प्राइवेट स्कूलों के प्रिंसिपल पहुंचे. जहां धरना पर बैठे अभिभावकों ने प्राइवेट स्कूलों द्वारा री-एडमिशन का नाम बदल कर डेवलपमेंट, कंप्यूटर, डिजिटल, जनरेटर और एनुअल फीस के नाम मोटी रकम वसूलने, स्कूल ड्रेस, जूता और किताबों के नाम पर व्यवसायीकरण का आरोप लगाया.डीएसई ने प्रिंसिपलों को सुधार करने की नसीहत दी
वहीं, कुछ स्कूलों द्वारा बच्चों और अभिभावकों पर सही से व्यवहार नहीं करने का भी आरोप लगाया गया. इन सभी समस्याओं को सुनने के बाद डीएसइ प्रवीण कुमार ने प्रिंसिपलों को सुधार करने की नसीहत दी. उन्होंने कहा कि किसी भी तरह का बच्चों से अतिरिक्त फीस नहीं लेनी है. वहीं, अभिभावकों को किताबें और ड्रेस खरीदने को लेकर दबाव नहीं बनाना है और ना ही स्कूलों में उसकी बिक्री करनी है. यदि जांच में ऐसा करते मिले, तो स्कूल के लाइसेंस रद्द किये जायेंगे. मौके पर बीइइओ तपन कुमार सतपथी, पूर्व वार्ड पार्षद मो अशरफ, दिनेश जेना, कमल कुमार केशरी, बैरम खान, सन्नी खान, मंगल सरदार, मो इकराम हक, सद्दाम हुसैन, अहमद हुसैन, अर्जुन मुंडा, गोनू जयसवाल, विरेंद्र सिंह आदि मुख्य रूप से मौजूद थे.इन मामलों पर कार्रवाई की मांग, शिक्षा विभाग को दिया गया लिखित पत्र
प्राइवेट स्कूलों द्वारा बच्चों के अभिभावकों से री-एडमिशन के नाम पर लिये गये पैसों को वापस कराने. सभी प्राइवेट स्कूलों में एनसीइआरटी की पुस्तकें तत्काल प्रभाव से लागू करने, आंदोलन करने वाले अभिभावकों के बच्चों को स्कूल द्वारा प्रताड़ित नहीं करने, सभी प्राइवेट स्कूल किताबें, ड्रेस, जूता समेत अन्य सामग्री बेचना बंद करने आदि. इन सभी मांगों पर कार्रवाई नहीं होने से अभिभावक पुनः आंदोलन शुरू करने का शिक्षा विभाग को चेतावनी दिये हैं.
शिक्षा विभाग स्कूलों के साथ करेगा बैठक
जिला शिक्षा अधीक्षक प्रवीण कुमार ने कहा कि प्रत्येक वर्ष फीस बढ़ाना नहीं है. यदि बढ़ाये जाते हैं भी तो 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए. 10 प्रतिशत बढ़ाने में भी जिला की शिक्षा समिति से सहमति लेनी है. अभिभावकों की मांगों पर प्राइवेट स्कूलों के साथ बैठक करेंगे. जिसमें स्कूलों को बच्चों से ली जाने वाली फीस के दस्तावेज, शिक्षकों को पेमेंट किये जा रहे कागजात आदि की जांच होगी.
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