पांच साल की उम्र में बायें पैर में हुआ घाव
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ओझा गुनी के चक्कर में पैर गंवा बैठी लक्ष्मी तमसोय
पांच साल की उम्र में बायें पैर में हुआ घाव गरीबी के कारण ओझागुनी के चक्कर में स्थिति बिगड़ी 19 वर्ष की लक्ष्मी अब चल फिर भी नहीं सकती है तांतनगर : झींकपानी प्रखंड के नवागांव निवासी 19 वर्षीय लक्ष्मी तमसोय पांव का घाव के कारण एक साल से बिस्तर पर पड़ी हुई है. वह […]
गरीबी के कारण ओझागुनी के चक्कर में स्थिति बिगड़ी
19 वर्ष की लक्ष्मी अब चल फिर भी नहीं सकती है
तांतनगर : झींकपानी प्रखंड के नवागांव निवासी 19 वर्षीय लक्ष्मी तमसोय पांव का घाव के कारण एक साल से बिस्तर पर पड़ी हुई है. वह चल फिर नहीं सकती है. पांव में घाव के कारण उसे आठवीं के बाद पढ़ाई छोड़नी पड़ी. दरअसल पांच साल की उम्र में लक्ष्मी के बायें पैर में घाव हुआ. गरीबी के कारण मां जड़ी-बूटी व ओझागुनी से इलाज कराती रही. इसके कारण घाव बढ़ता गया. अब लक्ष्मी का बायां पैर पूरी तरह खराब हो गया है. एक साल से वह बेड पर पड़ी है. लक्ष्मी को एक बार झींकपानी में लगे फ्री हेल्थ चेकअप कैंप में लाया गया था. जांच के बाद डॉक्टरों ने जमशेदपुर ले जाने को कहा है.
परिजन गांव की एक महिला के सहायोग से लक्ष्मी को जमशेदपुर ले गये. वहां इलाज के लिए पैसे मांगने के कारण घरवाले इलाज नहीं करा पाये. इसके कारण बगैर इलाज उसे वापस घर लाना पड़ा. लक्ष्मी उत्क्रमित मध्य विद्यालय नवागांव की कक्षा आठवीं तक पढ़ाई की. फिर चलने फिरने में दिक्कत होने के कारण पढ़ाई छोड़नी पड़ी.
बचपन में घाव निकल गये थे. धीरे धीरे घाव बढ़ गया. जिससे बेटी लक्ष्मी चल-फिर नहीं सकती है.
कैरी तमसोय, मां
पैर में निकले घाव देखने के बाद कह पायेंगे कि मामला क्या है. देखने स्वयं जाउंगा. लक्ष्मी का इलाज होगा.
शशि कुमार सिंह, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, पीएचसी तांतनगर
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