चक्रधरपुर : बिजली पोल पर चढ़कर बनाने के दौरान विद्युत प्रवाह करने से मिस्त्री की मौत मामले में सड़क जाम किये लोगों से वार्ता में पत्नी को अस्थायी नौकरी देने का आश्वासन मिलने के बाद जाम हटाया गया. बताया जाता है कि दांती बेगुना गांव में करीब एक सप्ताह से बिजली नहीं थी. बुधवार को […]
चक्रधरपुर : बिजली पोल पर चढ़कर बनाने के दौरान विद्युत प्रवाह करने से मिस्त्री की मौत मामले में सड़क जाम किये लोगों से वार्ता में पत्नी को अस्थायी नौकरी देने का आश्वासन मिलने के बाद जाम हटाया गया. बताया जाता है कि दांती बेगुना गांव में करीब एक सप्ताह से बिजली नहीं थी. बुधवार को अस्थायी दैनिक वेतनभोगी विद्युत कर्मी सुभाष प्रधान से ग्रामीणों ने बिजली ठीक करने को कहा. सुभाष उसी गांव का निवासी था.
उसने पावर हाउस ग्रिड से सुबह 11.40 बजे शट डाउन लिया. इसके बाद पोल पर चढ़कर खराबी दूर करने लगा. इसी दौरान पावर हाउस से बिजली आपूर्ति शुरू कर दी गयी, जिससे 11000 वोल्ट का करंट लगने से सुभाष जमीन पर गिर गया. वह तड़पता और छटपटाता रहा. आनन-फानन में उसे रेलवे अस्पताल लाया गया, जहां से जमशेदपुर रेफर कर दिया गया. जमशेदपुर लाने के दौरान रास्ते में उसकी मौत हो गयी.
मृतक के दो छोटे बच्चे : मृतक सुभाष के परिवार में पत्नी आलोचना प्रधान, छह वर्षीय पुत्री पल्लवी प्रधान व चार वर्षीय पुत्र निखिल प्रधान है. बिजली का काम कर वह परिवार चलाता था. ग्रिड में गोविंद लकड़ा था ड्यूटी पर, फरार पावर सबस्टेशन में गोविंद लकड़ा ड्यूटी पर था. उसने सुभाष को सुबह 11.40 बजे शट डाउन दिया और बिना सूचना दिये 12 बजे बिजली आपूर्ति शुरू कर दी गयी. सुभाष की मौत की खबर मिलते ही वह ग्रिड में ताला लगाकर भाग गया.
क्या है शट डाउन का नियम : शट डाउन के नियम के अनुसार बिजली विभाग में काम करने वाला मिस्त्री पावर सब स्टेशन में फोन कर अपना नाम व काम बता कर शट डाउन लेता है. काम पूरा होने के बाद फिर फोन कर लाइन चालू करने को कहा जाता है.
एक दशक पहले असलम चौक के पास मिस्त्री लकड़ा जी की बिजली के खंभे पर काम के दौरान करंट लगने से मौत हुई थी.
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