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नक्सली बंद: रेल ट्रैक पर 25 किलो का बम, बची सैकड़ों की जान

नक्सली संगठन भाकपा माआेवादियाें ने बंद के दाैरान किरीबुरु में करमपदा-काशीगड़ा रेलवे ट्रैक के पास 25 किलो की लैंड माइन बिछा कर ट्रेन व पुलिस बल काे निशाना बनाने की काेशिश की. वहीं पारसनाथ में दाे बार मुठभेड़ के बाद पुलिस ने नक्सली कैंप ध्वस्त कर दिया. किरीबुरु: पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने साेमवार […]

नक्सली संगठन भाकपा माआेवादियाें ने बंद के दाैरान किरीबुरु में करमपदा-काशीगड़ा रेलवे ट्रैक के पास 25 किलो की लैंड माइन बिछा कर ट्रेन व पुलिस बल काे निशाना बनाने की काेशिश की. वहीं पारसनाथ में दाे बार मुठभेड़ के बाद पुलिस ने नक्सली कैंप ध्वस्त कर दिया.
किरीबुरु: पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने साेमवार काे करमपदा से तीन किलोमीटर दूर करमपदा-काशीगड़ा रेलवे लाइन के बगलवाली पगडंडी से 25 किलो की लैंड माइन (विस्फोटक) बरामद किया. इससे बड़ा हादसा टल गया. नक्सलियों ने बंद के दाैरान रेल लाइन उड़ाने व सीआरपीएफ जवानों को क्षति पहुंचाने के लिए विस्फोटक रखा था. मौके से विस्फोट के लिए बिछाया गया पांच मीटर तार भी जब्त किया गया है. जवानों ने विस्फोटक काे निष्क्रिय कर दिया.
चक्रधर रेल मंडल के अधीन आनेवाले किरीबुरु रेलवे स्टेशन से यह ट्रैक जुड़ा है. इस ट्रैक से सारंडा एक्सप्रेस समेत कई पैसेंजर व मालगाड़ियां गुजरती हैं. राउरकेला में आरपीएफ के उपाधीक्षक आलोक जेना ने बताया कि सुरक्षा बलों को तुरंत मौके पर भेजा गया. इस मार्ग पर करीब सात घंटे तक रेल सेवा बाधित रही.
नक्सली बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में
माओवादियाें के बंद के मद्देनजर सीआरपीएफ व पुलिस ने संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी है. रेल लाइनों समेत विभिन्न क्षेत्र में निरंतर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. मालूम हाे कि पिछले कुछ महीनों से किरीबुरु थाना क्षेत्र स्थित झारखंड-ओड़िशा सीमा पर नक्सली गतिविधियां बढ़ गयी हैं. नक्सलियों ने ओड़िशा पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर चुके कुलातुपु निवासी पूर्व माओवादी यदुराय मुंडा की गोली मार हत्या कर दी थी. इसके बाद से ही क्षेत्र में माओवादी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं.
वाहनाें पर असर, पुलिस चाैकस
रांची. नक्सली संगठन भाकपा माआेवादी द्वारा आहूत दो दिवसीय सीमांत क्षेत्र बंद के पहले दिन झारखंड में कई स्थानाें से लंबी दूरी के वाहन नहीं चले. लोगों को आने- जाने में परेशानी हुई. बंदी के दौरान मुसाबनी समेत कुछ स्थानों से नक्सली पोस्टर मिले हैं. हालांकि रेल परिचालन सामान्य रहा. खूंटी, गुमला, लाेहरदगा, सिमडेगा, जमेशदपुर, चाईबासा, पलामू, गढ़वा, लातेहार व चतरा इलाके के ग्रामीण क्षेत्रों में बंद का असर देखा गया. पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों के अनुसार, पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है. नक्सलियों के खिलाफ पुलिस का अभियान जारी है. नक्सल प्रभावित इलाके में पुलिस को विशेष रूप से सर्तक रहने को कहा गया है.
बैंक रहे बंद, ट्रांसपोर्टिंग ठप
बेरमो स्थित गांधीनगर थाना क्षेत्र में कई बैंक बंद कर दिये गये. खासमहल से होनेवाली कोयला व बीटीपीएस से छाई की ट्रांसपोर्टिंग भी ठप रही. गोमिया में भी बैंक बंद रहे.
दाे व तीन काे है माआेवादियाें का बंद
नक्सली संगठन भाकपा माआेवादियाें ने केंदु पत्ता व वन उत्पादाें के दाम बढ़ाने, ममता बनर्जी सरकार व पुलिस ज्यादती के खिलाफ दाे व तीन मई काे झारखंड, बंगाल व आड़िशा के सीमांत क्षेत्राें में बंद का अाह्वान किया है.
गिरिडीह के जेरूआबेड़ा में आइइडी विस्फोट में बचे जवान
पारसनाथ में कैंप ध्वस्त, हुई मुठभेड़
गिरिडीह/पीरटांड़. पारसनाथ पर्वत पर पुलिस आैर नक्सलियाें के बीच दाे बार मुठभेड़ हुई. वहीं जेरूआबेड़ा में आइइडी विस्फोट में जवान बचे. चंद्रप्रभु टोंक के पास पुलिस ने नक्सलियाें का अस्थायी कैंप ध्वस्त कर दिया. कैंप के पास नक्सलियों द्वारा लगायी गयी सीरियल आइइडी काे पुलिस ने नष्ट कर दिया. कैंप के समीप से 95 पीस डेटोनेटर व नक्सली साहित्य बरामद किया गया. साेमवार शाम तक पुलिस, कोबरा व सीआरपीएफ जवानाें की नक्सलियों के साथ रुक-रुक मुठभेड़ जारी थी. दाेनाें आेर से 300 राउंड से अधिक गोली चलने की खबर है. क्षेत्र में अप्रैल के पहले सप्ताह से ही नक्सलियों के खिलाफ सर्च अभियान चलाया जा रहा है. रविवार को जवानों की नजर माओवादियों द्वारा लगायी जा रही आइइडी पर पड़ी. पुलिस ने फायरिंग की, तो नक्सली भाग कर जंगल में छिप गये.
सुबह लगभग 7.30 बजे पुलिस माओवादियों को खोजते हुए चंद्रप्रभु टोंक के समीप पहुंची, तो नक्सलियों ने पुन: फायरिंग शुरू कर दी. पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग शुरू की. लगभग एक घंटे तक दोनों ओर से गोलियां चली. इसके बाद पुलिस ने नक्सलियों के कैंप ध्वस्त कर दिये.
माओवादियों को लगी है गोली
सोमवार की सुबह मधुबन थाना क्षेत्र के जेरूआबेड़ा के पास नक्सलियों ने आइइडी विस्फोट किया. इसमें कोई हताहत नहीं हुआ. यहां कोबरा के साथ माओवादियों की मुठभेड़ भी हुई. बाद में नक्सली जंगल में छिप गये. मुठभेड़ के बाद पुलिस को जगह-जगह खून के छींटे मिले हैं. पुलिस का दावा है कि कुछ माओवादियों को गोली लगी है.
बड़े ऑपरेशन की रणनीति
सोमवार की दोपहर एडीजी एसएन प्रधान, गिरिडीह डीसी उमाशंकर सिंह, एडीजे स्पेशल ब्रांच अनुराग गुप्ता, आरके मल्लिक, संजय आनंद लाठेकर, सीआरपीएफ डीआइजी वीरेंद्र टोप्पो मधुबन पहुंचे. कैंप में पुलिस ऑपरेशन की रणनीति बनायी गयी. पारसनाथ एक्शन प्लान की सफलता पर चर्चा की गयी. लगभग दो घंटे तक चली इस बैठक में पारसनाथ में नक्सलियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन चलाने का निर्णय लिया गया.
पारसनाथ में सारंडा की तर्ज पर नक्सलियों के खिलाफ लांग टाइम आॅपरेशन चलाया जा रहा है. ऑपरेशन की कोई डेडलाइन नहीं रखी गयी है. जब तक पारसनाथ में पूरी तरह झंडा नहीं गाड़ा जायेगा, अभियान चलता रहेगा.
एसएन प्रधान, एडीजी

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