मनोहरपुर : हावत है मन के हारे, हार है. मन के जीते, जीत. इसे चरितार्थ कर रहे हैं मनोहरपुर के शंकर बोस. देश में आज बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है. ऐसे में झारखंड व ओड़िशा के सीमावर्ती जिले के युवाओं को प्रशिक्षण देकर शंकर बोस रोजगार से जोड़ रहे हैं. फ्रांस की कंपनी आइड-एल-एक्शन के आई लीड प्रोजेक्ट में 2008 से कार्यरत श्री बोस होटल्स व हॉस्पिटिलिटी की दिशा में युवाओं को फूड एंड वेबरेज, हाउसकीपिंग व असिस्टेंट जैसे पदों पर रोजगार दिला रहे हैं. ये युवा देश के विभिन्न शहरों हैदराबाद, पुणे, रायपुर, राउरकेला, मुंबई के नामी-गिरामी होटलों में नौकरी कर रहे हैं.
Advertisement
आदिवासी युवाओं को रोजगार से जोड़ रहे शंकर
मनोहरपुर : हावत है मन के हारे, हार है. मन के जीते, जीत. इसे चरितार्थ कर रहे हैं मनोहरपुर के शंकर बोस. देश में आज बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है. ऐसे में झारखंड व ओड़िशा के सीमावर्ती जिले के युवाओं को प्रशिक्षण देकर शंकर बोस रोजगार से जोड़ रहे हैं. फ्रांस की कंपनी आइड-एल-एक्शन के […]
आतिथ्य सेवा में आदिवासियों का उम्दा प्रदर्शन : आतिथ्य सेवा उद्योग के रूप में विकसित हो रहे इस प्रोफेशन से आदिवासी व गरीब युवक- युवतियों को जोड़ने वाले श्री बोस ने बताया कि आदिवासी युवक-युवतियां अपने कठिन परिश्रम, शालीनता व आतिथ्य सेवा में पारंगत होने के कारण रोजगार प्राप्त कर रहे हैं. पुरस्कृत हो चुके हैं श्री बोस
विगत दिनों फ्रांस की उक्त संस्था ने लाइवलीहुड के तहत श्री बोस से प्रभावित होकर जयपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्हें सम्मानित किया था. क्षेत्र के सुनीता प्रभा एक्का, रिंकी टोप्पो, कुमारी कौशल्या, तौसिफ अख्तर, गुलाबती सागर, मरियम लकड़ा, सुमन लुगून, सुचिता मिंज, रेश्मा बाखला, रघुवीर लोहार आदि युवा आज नौकरी पाकर आर्थिक रूप से अपने पैर पर खड़े हैं.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement