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राशि मिली, पर 22 हजार छात्राओं को पोशाक नहीं

शिक्षा मंत्री को भी शिक्षा विभाग ने किया बाइपास चाईबासा : सरकार से पैसे मिलने के बावजूद पश्चिमी सिंहभूम के कस्तूरबा विद्यालय की 22 हजार छात्राओं को 2011 से 2015 तक पोशाक नहीं दी गयी. छात्राओं को बताया गया कि सरकार से पैसे नहीं मिलने के कारण उन्हें ड्रेस नहीं दी जा रही है. हालांकि […]

शिक्षा मंत्री को भी शिक्षा विभाग ने किया बाइपास

चाईबासा : सरकार से पैसे मिलने के बावजूद पश्चिमी सिंहभूम के कस्तूरबा विद्यालय की 22 हजार छात्राओं को 2011 से 2015 तक पोशाक नहीं दी गयी. छात्राओं को बताया गया कि सरकार से पैसे नहीं मिलने के कारण उन्हें ड्रेस नहीं दी जा रही है. हालांकि सरकार ने 2011 से 2013 तक प्रति छात्रा प्रति माह नौ सौ रुपये और 2013 के बाद प्रति छात्रा प्रति माह 1500 रुपये भुगतान किया. ये पैसे खाना, पोशाक, जूता, रिबन तथा अन्य वस्तुओं पर खर्च करने का आदेश था.
किसी जिले को अलग से नहीं मिला पोशाक के लिए पैसा
2011 से 2015 के बीच में झारखंड के किसी जिले में पोशाक के लिए अलग से राशि नहीं दी गयी. ड्रेस के लिए अलग से पैसा नहीं आने की बात कह कर पश्चिमी सिंहभूम की छात्राओं को पोशाक नहीं दी गयी.
जिले में 15 कस्तूरबा विद्यालय :पश्चिमी सिंहभूम में आनंदपुर, गुदड़ी और हाटगम्हरिया प्रखंड को छोड़कर शेष 15 प्रखंड में कस्तूरबा विद्यालय स्थापित है. इन 15 कस्तूरबा विद्यालयों में कक्षा 6 से 8 में कुल एक सौ और कक्षा नौ से 12 में दो सौ छात्राओं का नामांकन प्रति वर्ष करना था. प्रतिवर्ष 15 कस्तूरबा विद्यालय में 45 सौ छात्राओं का नामांकन किया जाना था. इस तरह पांच साल से 22500 छात्राएं पोशाक से वंचित रही.

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