खूंटी : खूंटी में माओवादियों और पीएलएफआइ के बीच खूनी संघर्ष तेज हो गया है. जिले के रबंदगा गांव से चामा पाहन (इरूद निवासी) और डोल्का मुंडा (रबंदाग निवासी) की अगवा कर हत्या कर दी गयी. घटना बुधवार देर रात की है. पुलिस को गुरुवार को दोनों का शव मिला.
चामा का शव हेसाहातु टूंगरी से मिला. वहीं, डोल्का का शव तारोसिलादोन में काची नदी के किनारे स्थित पत्थर खदान से मिला. दोनों की गोली मार कर हत्या की गयी है. शवों के पास से परचा मिला है. इसमें घटना की जिम्मेदारी पीएलएफआइ के काली नामक व्यक्ति ने ली है.
परचे में कहा गया है कि दोनों माओवादी समर्थक थे. इसलिए दोनों की हत्या की गयी है. परचे में ग्रामीणों को माओवादियों की मदद नहीं करने की चेतावनी दी गयी है. घटनास्थल से तीन खोखे भी बरामद किये गये हैं.
10 हथियारबंद लोग आये थे
जानकारी के अनुसार, बुधवार शाम दोनों युवक स्नान करने गांव के एक कुएं पर गये थे. इसी बीच 10 की संख्या में हथियारबंद लोग वहां पहुंचे. दोनों की पिटाई की. इसके बाद दोनों के हाथ बांध दिये और अपने साथ ले गये. सुबह में दोनों की तलाश की गयी, तो अलग–अलग जगहों से शव मिले. इस बीच खूंटी थानेदार ने पुलिस बल के साथ रबंदाग व आसपास के गांवों में बुधवार की रात पीएलएफआइ के एक एरिया कमांडर की खोज में अभियान चलाया. पर उन्हें कोई सफलता नहीं मिली.
पुलिस सतर्क
पीएलएफआइ और माओवादियों के बीच खूनी संघर्ष तेज होने की खबर से पुलिस सतर्क हो गयी है. इलाके में छापामारी अभियान चलाया जा रहा है.
पीएलएफआइ ने प्रतिरोध में दिया घटना को अंजाम
माओवादियों से खूनी संघर्ष
चर्चा है कि इलाके में माओवादियों और पीएलएफआइ के बीच खूनी संघर्ष के कारण घटना घटी है. 23 जुलाई की रात मुरहू में माओवादियों ने पीएलएफआइ के छह उग्रवादियों को मार दिया था. पीएलएफआइ ने प्रतिशोध में इस घटना को अंजाम दिया. आइजी एमएस भाटिया ने कहा कि कहा कि मामला वर्चस्व का है.