सीएस के खिलाफ स्वास्थ्यकर्मियों ने खोला मोर्चा
चाईबासा : झारखंड चिकित्सा व जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले जिले के स्वास्थ्यकर्मियों ने सिविल सजर्न के खिलाफ उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया.
कर्मचारी सदर अस्पताल स्थित संघ भवन में सभी एकत्रित होकर जुलूस के शक्ल में सभी नारेबाजी करते हुए उपायुक्त कार्यालय समक्ष पहुंचे और जम कर सिविल सजर्न डॉ एडीएन प्रसाद की खिलाफ नारेबाजी की गयी. इसके बाद एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा उपायुक्त को नौ सूत्री मांग पत्र सौंपा गया.
जुलूस का नेतृत्व अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के जिला अध्यक्ष काशीनाथ साह कर रहे थे. श्री साह ने कहा कि सिविल सजर्न द्वारा महिला कर्मचारियों के साथ अमर्यादित, अशोभनीय व जाति सूचक भाषा का प्रयोग करते हुए अपमानित किया जाता है.
उन्होंने कहा कि कर्मचारी संघ द्वारा कई बार स्वास्थ्य कर्मियों के समस्या के निदान के लिए मौखिक, धरना व प्रदर्शन के माध्यम से स्वास्थ्य सचिव रांची व सिविल सजर्न को ध्यान आकृष्ट कराया गया है, इसके बावजूद स्वास्थ्य कर्मियों की समस्या ज्यों की त्यों पड़ा हुआ है.
श्री साह ने कहा कि यदि इन मांगों पर सरकार विचार नहीं करती है, तो स्वास्थ्यकर्मी अनिश्चित कालीन हड़ताल करेंगे. उन्होंने कहा कि टोंटो प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा महिला कर्मियों के साथ छेड़छाड़ तथा नशे का सेवन कर कार्यालय आते थे. जुलसू में काफी संख्या में स्वास्थ्य कर्मचारी शामिल थे.
नौ सूत्री ज्ञापन सौंपा
पत्र में सिविल को जिले से अविलंब हटाने, इनकी अवधि की सभी कार्यकलापों की जांच कराने, टोंटो प्रखंड के निर्वतमान प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रणदीप मेलगांडी को जिले से बाहर तबादला करने, चक्रधरपुर के लैब टेकनीशियन अरविंद उरांव की सेवा में वापस लेने, डायग्नोस्टिक केंद्र में कार्यरत कर्मचारियों का एक साल का बकाया मानदेय का भुगतान अविलंब करने, एंबुलेंस चालक, व आरसीएस व एमपीडब्ल्यू में कार्यरत कर्मचारियों का बकाया मानदेय का भुगतान करने, सेवानिवृत्त कर्मचारियों का देय पावना व पेंशन का भुगतान करने, प्रत्येक स्तर पर स्वास्थ्य महिला कर्मियों को सुरक्षा की गारंटी देने, प्रत्येक प्रसव केंद्र में पानी, बिजली व भवन, चिकित्सक व दाई की व्यवस्था करने सभी संवर्गो के स्वास्थ्य कर्मियों का प्रथम,द्वितीय एसीपी व तृतीय एनएसीपी का लाभ देने, प्रत्येक स्वास्थ्य उपकेंद्रों में महिला कर्मचारियों के लिए आवासीय भवन, शौचालय आदि की व्यवस्था करने, प्रत्येक सात तारीख तक वेतन का भुगतान सुनिश्चित करने की मांगें शामिल है.