चक्रधरपुर : पश्चिमी सिंहभूम के गुदड़ी प्रखंड स्थित बुरुगुलीकेरा गांव में हुए नरसंहार की जांच करने शुक्रवार को भाजपा की केंद्रीय टीम पहुंची. लेकिन, जिला प्रशासन ने टीम को कराइकेला थाने के पास ही रोक दिया.
सांसदों का दल खूंटी-रांची के रास्ते चक्रधरपुर की ओर से पहुंचा था. रोके जाने से नाराज प्रतिनिधिमंडल के सदस्य एनएच-75 पर धरने पर बैठ गये. यहां करीब दो घंटे तक बैठे रहे, जिससे सड़क जाम हो गयी. जाम में सैकड़ों वाहन फंसे रहे. इस दौरान सांसद व पुलिस-प्रशासन के बीच काफी देर तक बहस होती रही. बाद मेंं टीम को सोनुवा तक जाने की इजाजत मिली.
प्रशासन की तरफ से बताया गया कि धारा 144 लगी है. यहां से सासंदों की जांच टीम को प्रशासन चक्रधरपुर के पीएचइडी गेस्ट हाउस ले गया. दबाव बढ़ने के बाद पीडब्ल्यूडी डाक बंगला से एसडीओ प्रदीप प्रसाद व एएसपी नाथू सिंह मीणा सांसदों की टीम को सोनुवा थाना लेकर गये. सोनुवा से सांसदों की टीम बुरुगुलीकेरा गांव जाने पर अड़ गयी.
लेकिन प्रशासन उन्हें जाने नहीं देना चाह रहा था. शाम पांच बजे तक हाइवोल्टेज ड्रामा चलता रहा. बाद में सोनुवा थाना के समीप सांसदों की टीम, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा, पूर्व विधायक गुरुचरण नायक समेत काफी संख्या में भाजपा नेता जमीन पर बैठ गये और हेमंत सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
सांसदों के दल में ये थे शामिल : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने नरसंहार की जांच के लिए छह सदस्यीय कमेटी बनायी है, जिसमें गुजरात के सांसद जसवंत सिंह भाभोर, राज्यसभा सदस्य समीर उरांव, महाराष्ट्र से सांसद भारती पवार, छत्तीसगढ़ की सांसद गोमती साय, पश्चिम बंगाल के सांसद जॉन बार्ला और झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री व खूंटी के विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा शामिल हैं.
टीम के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा, अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष अशोक सारंगी व अन्य शामिल थे. टीम मामले की जांच के बाद केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी.