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चाईबासा : किशन दा व मिसिर बेसरा को चिटपील में पुलिस ने घेरा

चाईबासा : पारसनाथ पहाड़ एरिया से सांगठनिक बैठक में भाग लेकर लौट रहें एक करोड़ के इनामी पोलित ब्यूरो मेंबर प्रशांत बोस उर्फ किसन दा उर्फ मनीष उर्फ बुढ़ा तथा मिसिर बेसरा उर्फ भाष्कर उर्फ समीर जी उर्फ सागर को टोकलो थाना क्षेत्र के चिटपील क्षेत्र में पश्चिम सिंहभूम, सरायकेला-खरसवां व खूंटी पुलिस दो दिनों […]

चाईबासा : पारसनाथ पहाड़ एरिया से सांगठनिक बैठक में भाग लेकर लौट रहें एक करोड़ के इनामी पोलित ब्यूरो मेंबर प्रशांत बोस उर्फ किसन दा उर्फ मनीष उर्फ बुढ़ा तथा मिसिर बेसरा उर्फ भाष्कर उर्फ समीर जी उर्फ सागर को टोकलो थाना क्षेत्र के चिटपील क्षेत्र में पश्चिम सिंहभूम, सरायकेला-खरसवां व खूंटी पुलिस दो दिनों से घेर कर रखी हुई है.
इन दोनों बड़े नेताओं को पकड़ने के लिये पुलिस कई दिशाओं से कांबिंग ऑपरेशन चला रहा है. इस दौरान नक्सलियों के सुरक्षा घेरा में तैनात कैडेरों के साथ पुलिस का एक दो दफा आमना-सामना होने के साथ-साथ क्रॉस फायरिंग होने की बात भी कही जा रही है.
लेकिन इसके बावजूद अब तक पुलिस को इन दोनों बड़े नक्सलियों को पकड़ने में सफल नहीं मिल पायी है. इन दोनों बड़े नेताओं के साथ करीब 60/70 नक्सली कैडर होने की बात कही जा रही है. जिसके कारण इस ऑपरेशन के लिए कोबरा की 14 टीम, सीआरपीएफ की 8 कंपनी तथा जगुवार की 12 टीम के साथ झारखंड पुलिस बल को भी उतारा गया है.
पुलिस रविवार से इस क्षेत्र के घेरी हुई है. पुलिस की ओर से इस कांबिंग ऑपरेशन चला कर सुरगुडा, अड़की, बीरबांकी, गोंडा पहाड आदि जगहों पर खंगाला जा रहा है. उधर कुचाई क्षेत्र से भी पुलिस कांबिंग ऑपरेशन चलायी हुयी है.
सारंडा से सिमडेगा कॉरिडोर नक्सलियों के लिए सुरक्षित रास्ता : ओड़िशा से सारंडा के रास्ते कुचाई होकर पारसनाथ पहाड़, सिमडेगा जाने के लिए यह नक्सलियों का सुरक्षित कॉरिडोर माना जाता है. जिसके कारण नक्सली इसी रास्ते का इस्तेमाल करते है.
पिछले दिनों भी पश्चिम सिंहभूम जिले में नक्सलियों के खिलाफ पुलिस की ओर से चलाये गये दो बड़े ऑपरेशन के बाद यहां जुड़े दूसरे क्षेत्र के नक्सली अपने-अपने क्षेत्र में भागने के लिये इसी सुरक्षित कॉरोडर का इस्तेमाल किये थे. कई दफा इस सुरक्षित रास्ते को इस्तेमाल करने के दौरान नक्सलियों के बड़े दस्ते की मुठभेड़ हो चुकी है.
सारंडा में फिर से प्रवेश करने की थी तैयारी
पुलिस सूत्रों के मुताबिक किशन दा व मिसिर बेसरा 60/70 की संख्या में कैडरों के साथ पारसनाथ पहाड़ी की ओर से लौट रहें थे. इस टुकड़ी को फिर से सारंडा में प्रेवश करना था. इस बीच नक्सलियों पर नजर रख रही पुलिस को इस दस्ते के कुचाई-करायकेला क्षेत्र के आसपास होने की सूचना मिली थी. जिसके बाद तीनों जिले की पुलिस ने संयुक्त रुप से अभियान रविवार को अभियान शुरू किया था.
पुलिस इस दौरान इस दस्ते को चारों ओर से घेरना शुरू की थी. पुलिस ओर से जंगल के साथ इस क्षेत्र में पड़ने वाले गांवों को भी खंगाला जा रहा है. पुलिस हर संदिग्ध को टटोल रही है. इस बड़े ऑपरेशन पर हेड क्वाटर रांची से भी नजर रखा जा रहा है. वहीं बड़ी मुठभेड़ की स्थिति से निपटने के लिये अतिरिक्त पुलिस बल को रिजर्व में तैयार रखा गया है.
सुरक्षा में तैनात है सोनुवा का सालुका कायम
पुलिस सूत्रों को जानकारी मिली है कि किशन की खास सुरक्षा में सोनुवा के सालुका कायम को तैनात किया गया है. जो हमेशा किशन जी के साथ रहता है. पुलिस की नजर अब सालुका कायम पर भी है. पुलिस किशन जी व मिसिर बेसरा के साथ सालुका कायम को भी किसी हाल में पकड़ना चाह रही है.
ताकि इस वयोवृद्ध नक्सली नेता की सुरक्षा का तोड़ निकाला जा सके. नक्सलियों द्वारा किशन जी की पुख्ता सुरक्षा किये जाने के कारण कई दफा पुलिस उन्हें घेर तो चुकी है. लेकिन उनका सुरक्षा दस्ता उन्हें हर बार पुलिस की घेराबंदी से बचा कर निकाल ले जाने में सफल रहता है. जिसके कारण उसके किशन जी के सुरक्षा घेरे को तोड़ निकाल उसे गिरफ्तार करना चाह रही है.

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