मूल निवासियों की राय जानने के लिए 22-23 को विमर्श का आयोजन
चाईबासा : सारंडा विकास का प्लान कैसा हो इसे यहां के मूल निवासी तय करे. इसी के लिये उनकी राय जानने हेतु 22 व 23 मई को दो दिवसीय सारंडा विमर्श कार्यक्रम का आयोजन मनोहरपुर के कृष्ण चित्र मंदिर में आयोजित की गयी है. उक्त बातें झारखंड के जाने माने पर्यावरण कार्यकर्ता और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सरयू राय ने परिसदन में आयोजित पत्रकार वार्ता कहीं. उन्होंने कहा कि सारंडा के पर्यावरण और परिस्थितिकी पर खनन व अन्य गतिविधियों के कुप्रभाव पर अध्ययन कर ड्क्यूमेंट्री बनायी जायेगी.
जिसे राज्य व केंद्र सरकार को सौंपा जायेगा. सारंडा में बेतरतीब व अविवेकपूर्ण खनन और इससे जुड़ी आर्थिक गतिविधियों के कारण जन, जल, जंगल, जमीन, जानवर आदि सहित सारंडा की तमाम जैव विविधता व समस्त प्राकृतिक संसाधन संकट में है. जिसका एक मात्र कारण पर्यावरण नियमों तथा व्यवस्था के निहित स्वार्थी तत्वों का लोभ व लालच है. अगर अब इस पर लगाम नहीं लगी तो वर्तमान और भावी पीढ़ी का भविष्य खतरे में पड़ जायेगा. उन्होंने कहा कि वे माइनिंग के विरोधी नहीं है. लेकिन सरकार द्वारा बनाये गये नियम कानून का शत प्रतिशत पालन होना चाहिए.
खदानों से निकले लाल पानी के कारण इस क्षेत्र की दो स्थानीय नदियां कोयना और कारो प्रदूषित हो गयी है. लेकिन सरकार के पास दोनों नदियों में कितना पानी है इसका रिकार्ड नहीं है. उल्टे सरकार खनन का लीज लेने वालों को इन दोनों नदियों के पानी के इस्तेमाल की इजाजत दे रही है. इसका दुष्परिणाम सामने आ रहा है. मौके पर संजु पांडे, सतीश पुरी, प्रताप कटियार, रामानुज शर्मा आदि उपस्थित थे.