जंगल में बच्चे को छोड़ चले गये परिजन
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जांगीबुरू घाटी में लावारिस मिला चार माह का बालक
जंगल में बच्चे को छोड़ चले गये परिजन बच्चे के सिर व गले में घाव के निशान बच्चे को कुपोषण उपचार केंद्र में भर्ती कराया गया बच्चे को विशेष दत्तक गृह में भेजने की तैयारी चाईबासा : चाईबासा के मंझारी थानांतर्गत जांगीबुरू घाटी में गुरुवार को चार-पांच माह का बालक लावारिस हालत में मिला. प्रत्यक्षदर्शियों […]
बच्चे के सिर व गले में घाव के निशान
बच्चे को कुपोषण उपचार केंद्र में भर्ती कराया गया
बच्चे को विशेष दत्तक गृह में भेजने की तैयारी
चाईबासा : चाईबासा के मंझारी थानांतर्गत जांगीबुरू घाटी में गुरुवार को चार-पांच माह का बालक लावारिस हालत में मिला. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बालक के माथे पर चोट के निशान हैं. गले में भी घाव का निशान है. बाल कल्याण समिति ने बालक की स्थिति देख उसे तत्काल चिकित्सीय जांच और स्वास्थ्य लाभ के लिए स्थानीय कुपोषण उपचार केंद्र में भर्ती कराया है. वहां डॉक्टर जग्गनाथ हेम्ब्रम और उनकी टीम के सदस्य उसकी देखरेख कर रहे हैं. बालक के बारे में सबसे पहले सूचना सामाजिक कार्यकर्ता
सुनील सिरका ने बाल संरक्षण कार्यकर्ता विकास दोदराजका को दी. इसकी जानकारी विशेष बाल पुलिस पदाधिकारी सह डीएसपी प्रकाश सोय व बाल कल्याण समिति के पदाधिकारियों, चाइल्ड लाइन आदि को दी. चाइल्डलाइन के कार्यकर्ता और मंझारी पुलिस मौके पर पहुंची. एक स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता योगेश तामसोय ने बालक को संरक्षण देकर अपने घर पर रखा था. इसे बाद में बाल कल्याण समिति को सौंप दिया.
बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष ज्योत्सना तिरकी ने बताया कि ऐसे बालकों को किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत स्पेशल दत्तक गृह भेजा जाता है. इस बारे जिले के परिविक्षा पदाधिकारी गोपाल पांडे ने बताया कि जिले में विशेष दत्तक गृह न होने के कारण इसे किसी अन्य जिले में भेजा जाना है.
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