हाल में सिर्फ एक मामले में दर्ज हुई प्राथमिकी, छह दर्जन शादियां रुकवायी गयीं
Advertisement
पश्चिम सिंहभूम में हर वर्ष 22% बच्चियां बनती हैं ‘बालिका वधू’ मॉनीटरिंग सेल सक्रिय नहीं
हाल में सिर्फ एक मामले में दर्ज हुई प्राथमिकी, छह दर्जन शादियां रुकवायी गयीं शहर से गांव तक 18 साल से कम उम्र की लड़कियों की हो रही शादी चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम में बाल विवाह बहुत बड़ी समस्या है. शहर से गांव तक 18 साल से कम उम्र की बच्चियों की शादी बेरोक-टोक हो […]
शहर से गांव तक 18 साल से कम उम्र की लड़कियों की हो रही शादी
चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम में बाल विवाह बहुत बड़ी समस्या है. शहर से गांव तक 18 साल से कम उम्र की बच्चियों की शादी बेरोक-टोक हो रही है. इस साल चौथे राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-4) का आंकड़ा जारी हुआ है. इसके अनुसार जिले में 22 फीसदी नाबालिग की शादी हो रही है.
हालांकि इसे रोकने की जिम्मेदारी व जवाबदेही बीडीओ पर है. हालांकि बाल विवाह मॉनीटरिंग सेल सक्रिय नहीं होने के कारण इसकी जानकारी बीडीओ और प्रशासन तक नहीं पहुंच पाती है. यही कारण है कि हाल के दिनों में सिर्फ छह बाल विवाह रुकवाया गया है. बीते दो साल में सिर्फ एक मामले में प्राथमिकी दर्ज हुई.
किसी ने फोन पर तो किसी ने पत्र भेजकर दी बाल विवाह की सूचना
हाल में प्रशासनिक, बाल कल्याण समिति, चाइल्ड लाइन समेत सामाजिक संगठनों के हस्तक्षेप से छह शादी रुकवाने का मामला रिकॉर्ड में दर्ज है. इस साल कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय जगन्नाथपुर की एक छात्रा की शादी रुकवायी गयी. छात्रा जैंतगढ़ की थी. छात्रा की सहेली ने बाल कल्याण समिति को फोन कर शादी की जानकारी दी. दूसरी शादी चाईबासा के बांदपाड़ा में रुकवायी गयी. किसी ने बाल कल्याण समिति के तत्कालीन अध्यक्ष विकास दोदराजका की दुकान में एक लेटर फेंककर शादी रुकवाने की अपील की थी. खाकी मंदिर में शादी करायी जा रही थी. तीसरा बाल विवाह बांदपाड़ा में ही रुकवाया गया.
मंझारी मामला : जांच में बालिग निकली वधू
इस साल 23 नवंबर को मंझारी के डोंकासाई गांव में बाल विवाह का मामला सामने आया था. इसे चाइल्ड लाइन में रेफर किया गया. जांच पूर्ण होने तक पति-पत्नी को अलग-अलग रहने का निर्देश दिया गया. वधू के आधार कार्ड पर उसकी उम्र 18 साल से अधिक थी. इस कारण युवक-युवती को साथ रहने का आदेश दिया गया.
बाल विवाह करने पर दो साल की जेल व एक लाख जुर्माना का प्रावधान
बाल विवाह करने पर दो साल की जेल व एक लाख रुपये जुर्माना का प्रावधान है. ऐसी शादी में आये बरातियों, खाना बनाने वालों, टेंट, लाइट एंड साउंड सभी पर प्राथमिकी दर्ज करने का प्रावधान है.
मां बन गयी बालिका वधू, 15 दिन बाद बच्ची की मौत
इस साल 10 अगस्त को बाल विवाह का एक मामला बाल कल्याण समिति के सामने आया. मनोहरपुर के दिरीबशिला गांव की एक नाबालिग की शादी बंदगांव के टेबो निवासी युवक से कर दी गयी. बाल कल्याण समिति ने मामले को चाइल्ड लाइन में रेफर कर दिया. चाइल्ड लाइन के सदस्यों ने मनोहरपुर जाकर नाबालिग को अपनी निगरानी में ले लिया. नाबालिग ने सदर अस्पताल चाईबासा में एक बच्ची को जन्म दिया. इस दौरान नाबालिग कुपोषण की शिकार हो गयी. मां के कुपोषित होने के कारण जन्मी बच्ची भी कुपोषण की शिकार हो गयी. जन्म के 15 दिन बाद बच्ची की मौत हो गयी. नाबालिग को अभी शेल्टर होम में रखा गया है. चाइल्ड लाइन की जांच में पति भी नाबालिग निकला. मामले में कार्रवाई के लिए कानूनविदों से राय ली जा रही है.
बीडीओ नहीं भेजते जिला प्रशासन को रिपोर्ट
बीडीओ को बाल विवाह के संबंध में हर माह जिला प्रशासन को एक रिपोर्ट भेजनी है. इसमें यह लिखित देना है कि उनके प्रखंड में बाल विवाह नहीं हो रहा है. पड़ताल में पता चला कि ऐसी रिपोर्ट किसी प्रखंड में तैयार नहीं हो रही है.
केरा मंदिर में हो रही शादी में वर पक्ष पर दर्ज हुआ मामला
हाल में चक्रधरपुर के केरा मंदिर में एक शादी हो रही थी. लड़की की उम्र 18 वर्ष से कम थी. वर पक्ष चाईबासा का था. इस मामले में वर पक्ष पर प्राथमिकी दर्ज हुई. शादी में शामिल अन्य लोगों को केस में पार्टी बनाया गया. केरा मंदिर प्रशासन को लड़की व लड़के की आयु प्रमाण पत्र देखकर ही शादी करने का निर्देश दिया गया.
बाल विवाह रोकने के लिए सभी प्रखंडों में बीडीओ नोडल पदाधिकारी हैं. उनके माध्यम से बाल विवाह की मॉनीटरिंग की जाती है. बाल विवाह की सूचना मिलने पर प्रशासन जाकर शादी रुकवायेगा. आमतौर पर इसकी सूचना ही नहीं मिलती है. समुदाय स्तर पर जागरुकता से बाल विवाह पर रोक लगायी जा सकती है.
– अरवा राजकमल, उपायुक्त, पश्चिमी सिंहभूम
नहीं मिल पाती हैं सूचना
जिले में कार्यरत चाइल्ड लाइन के सेंटर को-ओर्डिनेटर जुइदो करजी का कहना है यहां बहुत बाल विवाह हो रहे हैं, इसकी सूचना नहीं मिल पाती है. बाल संरक्षण कार्यकर्ता विकास दोदराजका कहना है कि जागरूकता से ही बाल विवाह को रोका जा सकता है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement