चाईबासा : सिमडेगा में 11 वर्षीय बच्ची संतोषी की भूख से कथित मौत ने जहां राज्य से लेकर केंद्र सरकार को हिला दिया, वहीं पश्चिमी सिंहभूम के करीब 10 लाख गरीबों का पेट भरने के लिए भोजन सुनिश्चित कर दी. दरअसल आधार से लिंक नहीं रहने के कारण पश्चिमी सिंहभूम में 65,700 राशन कार्ड जिला […]
चाईबासा : सिमडेगा में 11 वर्षीय बच्ची संतोषी की भूख से कथित मौत ने जहां राज्य से लेकर केंद्र सरकार को हिला दिया, वहीं पश्चिमी सिंहभूम के करीब 10 लाख गरीबों का पेट भरने के लिए भोजन सुनिश्चित कर दी. दरअसल आधार से लिंक नहीं रहने के कारण पश्चिमी सिंहभूम में 65,700 राशन कार्ड जिला प्रशासन ने रद्द कर दिया था.
इस कार्रवाई से ऐसे कई ग्रामीणों को अनाज नहीं मिल रहा था, जो किसी कारणवश आधार नहीं बना पाये थे. सिमडेगा घटना के बाद सरकार से स्पष्ट आदेश दिया कि सभी राशनकार्डधारियों को अनाज उपलब्ध कराना है, चाहे राशन कार्ड आधार से लिंक हो या नहीं.
कई क्षेत्रों में इंटरनेट नहीं होने से आधार नहीं बना सके ग्रामीण : दरअसल इंटरनेट नहीं रहने के कारण गोइलकेरा, सारंडा, पोड़ाहाट जंगल क्षेत्र के ग्रामीणों का आधार कार्ड समय पर नहीं बन पाया. इसी बीच कई ग्रामीणों का राशन कार्ड रद्द कर दिया गया. इन क्षेत्र के ग्रामीण हर दिन डीसी ऑफिस की दौड़ लगा रहे हैं. कोई आधार कार्ड जमा कराने के लिए डीसी ऑफिस पहुंच रहा है तो, कोई अपने परिवार के छूटे सदस्यों का नाम कार्ड में चढ़वाने के लिए जिला आपूर्ति पदाधिकारी कार्यालय का दौड़ लगा रहा है.
अगर राशन कार्ड आधार से लिंक नहीं है. इसके बावजूद राशन नहीं रोकने का आदेश सरकार से प्राप्त हुआ है. इस आदेश के आलोक में सभी कार्डधारियों को राशन देने का निर्देश जारी किया गया है.
– डॉ रवींद्र पांडेय, जिला आपूर्ति पदाधिकारी
इन कारणों का हवाला देकर रद्द हुए 65,700 राशन कार्ड
आधार नहीं दिया गया
तीन माह से राशन नहीं उठाया
डबल कार्ड बनने के कारण
तीन-तीन माह से राशन नहीं दे रहे डीलर, देते हैं धमकी
जिले के अधिकांश हिस्से में कार्डधारियों को समय पर अनाज नहीं मिल रहा है. हाल में खूंटपानी के ऊपरलोटा के ग्रामीण चार माह से अनाज नहीं मिलने की शिकायत लेकर डीसी ऑफिस पहुंचे थे. कार्डधारियों का कहना है कि बोलने या शिकायत करने से डीलर कार्ड रद्द करने की धमकी देता है. इस कारण वे चुप रहते हैं.