चाईबासा : चाईबासा स्थित संत मेरी पब्लिक स्कूल में शनिवार को संत मेरी का जन्मोत्सव मना. मौके पर केक काटा गया. विद्यालय के संस्थापक आफताब आलम ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. स्कूल के बच्चे-बच्चियों ने हिंदी, नागपुरी, ओड़िया, बांग्ला, भोजपुरी आदि गीतों पर नृत्य पेश किया. बच्चों ने लघु नाटक का मंचन किया. प्रधानाध्यापिका मुन्नी सोकर ने संत मेरी की जीवनी पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि कुंवारी संत मेरी उर्फ मरियम कभी झूठ नहीं बोलने वाली मनुष्य रूपी परी थीं. उस नाजुक, सुंदर व शालीन कन्या की किशोर अवस्था पार करते ही युसुफ से मंगनी कर दी गयी.
मंगनी के बाद वह गर्भवती हो गयी. समय बीतने के बाद उसने अपने परिवार व समाज से एक बात कही कि मैं पाक हूं और इस बच्चे को जन्म दूंगी. उससे जन्म लेनेवाला बच्चा समाज, सुधारक, दु:खों को दूर करनेवाल मसीहा होगा. रात को उसने एक गोहाल के घर में एक मसीहा को जन्म दिया, जो स्वस्थ और सुंदर था. कार्यक्रम में संगीता, निशा, जयश्री, मुश्वरी तसौवर, रंजीता, अंजली, कलावती, जरीना, आशा, गुड़िया, नुजहत, नाजिया, प्रमिला, पूजा, महता, मोरेन, मारकंडे, मंगल, कुशनु, सलाउद्दीन के अलावा काफी संख्या में अभिभावक उपस्थित थे.