जलडेगा. ग्रामीण क्षेत्रों में टीबी के प्रति जागरूकता फैलाने व मरीजों का जल्द इलाज शुरू करने के लिए चलाये गये 100 दिवसीय टीबी उन्मूलन अभियान का समापन मंगलवार को हुआ. वरीय चिकित्सा पर्यवेक्षक सोनू कुमार ने बताया कि अभियान के दौरान सहिया द्वारा गृह भ्रमण कर कमजोर व्यक्तियों को चिन्हित किया गया व स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा गांव-गांव जाकर लोगों को टीबी के प्रति जागरूक किया गया. अभियान के दौरान 1837 लोगों का चेस्ट एक्स-रे जांच, 1930 लोगों का बलगम जांच और 31 लोगों का माइक्रोस्कोपी द्वारा बलगम जांच की गयी. जांच में 64 टीबी मरीज पाये गये, जिनका इलाज चल रहा है. इन मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत हर माह 1000 रुपये की राशि और एकमुश्त 750 रुपये ट्राइबल सपोर्ट इंसेंटिव मिलेगा. अभियान में वरीय टीबी प्रयोगशाला पर्यवेक्षक अजरस लकड़ा, प्रयोगशाला टेक्नीशियन पूजा कच्छप व रवि रंजन समेत आयुष्मान आरोग्य मंदिर के सीएचओ, एएनएम, एमपीडब्लू, सहिया आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.
गरिमा केंद्र में चल रहे कार्यों की ली जानकारी
ठेठईटांगर. मणिपुर से आये 13 सदसीय दल ने ठेठईटांगर गरिमा केंद्र से कई जानकारी प्राप्त की. जेएसएलपीएस के प्रखंड बीपीएम संदीप कुमार ने बताया कि मणिपुर राज्य के विभिन्न जिलों में काम कर रहे एसएमएम, एसआइएसडी द्वारा मणिपुर में सामाजिक स्तर में सुधार लाने के लिए काम कर रही है. इसमें कार्यरत 13 सदस्य मंगलवार को प्रखंड कार्यालय स्थित गरिमा केंद्र में पहुंचे. गरिमा केंद्र द्वारा किये जा रहे कार्यों की विस्तार से जानकारी ली. मौके पर प्रखंड सभागार में बीडीओ नूतन मिंज, प्रमुख विपिन पंकज मिंज, पंचायत के जनप्रतिनिधियों व जेएसएलपीएस के सदस्यों के साथ बैठक कर समाज में फैले कुरीतियों व समस्याओं पर चर्चा की गयी. मौके पर जिला कार्यक्रम प्रबंधक शांति मरांडी, जिला प्रबंधक नुपूर गुंजन एक्का, प्रोजेक्ट मैनेजर अंकित कुमार, बिनोता आदि उपस्थित थे.
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