सिमडेगा. केरसई प्रखंड बासेन बखरीटोली में सात दिवसीय गोंडवाना समर कैंप का समापन युवा सम्मेलन के साथ किया गया. कैंप में करीब 500 प्रतिभागी और 50 से अधिक प्रशिक्षकों ने भाग लिया. समर कैंप में बच्चों को शारीरिक, बौद्धिक और मानसिक विकास के लिए इंडोर और आउटडोर गतिविधियों के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण देने के लिए झारखंड के अलावा छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से विभिन्न खेलों के प्रशिक्षक शामिल हुए. कार्यक्रम के अंतिम दिन युवा सम्मेलन की शुरुआत ग्राम बासेन बखरीटोली के पाहन द्वारा पूजा की गयी. मंचीय कार्यक्रम में पहला सत्र युवा सत्र के रूप में आयोजित किया गया, जिसमें युवाओं ने समाज की दशा-दिशा और आने वाली चुनौतियों पर अपने विचार रखे. मुख्य मंचीय कार्यक्रम में सर्वप्रथम प्रतिभागियों द्वारा समर कैंप में सीखी गयी ताइकांडो, सिलम्बम, योग जैसी विधाओं का प्रदर्शन अभिभावकों के समक्ष किया. युवा सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित मुकेश बेसरा ने कहा कि समाज के विकास में युवाओं की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है. उन्होंने शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पढ़ाई कर नौकरी पाना शिक्षा का उद्देश्य नहीं है, बल्कि यह नैतिक विकास और एक अच्छे इंसान बनने का मार्ग है. उन्होंने कहा कि समर कैंप से बच्चों का समाजिक, बौद्धिक और मानसिक विकास होता है. विशिष्ट अतिथि रामप्रसाद साय ने समर कैंप की सराहना करते हुए कहा कि युवाओं के बौद्धिक और नैतिक विकास के लिए इस प्रकार के आयोजन अत्यंत महत्वपूर्ण है. सम्मेलन में प्रफुल बेसरा, मोहनाथ प्रधान, रजनी मांझी, देव सिंह मांझी, माधुरी देवी, सुनीता देवी, कमलेश्वर मांझी, राजनाथ मांझी, केके सांडिल्य, भुनेश्वर बेसरा और गजेंद्र मांझी आदि ने भी अपने विचार रखें. कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया. बाहरी कलाकारों में लालधन नायक, बीरबल नायक, रूपेश बड़ाइक और मेनो देवी ने अपने गीतों से रातभर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. कैंप को सफल बनाने में गोंडवाना आदिवासी कल्याण एवं विकास मंच, सिमडेगा, गोंडवाना छात्र संघ सिमडेगा और महल्ला समिति बासेन बखरीटोली के पदाधिकारियों व सदस्यों ने अहम भूमिका निभायी.
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