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चुआं का पानी पीने को विवश हैं लोग

ठेठईटांगर पंचायत के घोड़ीटोली गांव का हाल

ठेठईटांगर पंचायत के घोड़ीटोली गांव का हाल ठेठईटांगर(सिमडेगा). ठेठईटांगर प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में गर्मी शुरू होते पेयजल समस्या उत्पन्न हो गयी है. ग्रामीणों को पेयजल के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. ग्रामीण कुआं व चुआं का गंदा पानी पीने को विवश हैं. ठेठईटांगर पंचायत के घोड़ीटोली गांव में आंगनबाड़ी के समीप बनी जलमीनार पिछले छह माह से खराब है, जिससे पेयजल समस्या उत्पन्न हो गयी है. यहां के लोग चुंआं का गंदा पानी पीने को विवश हैं. घोड़ीटोली गांव में लगभग तीस घर हैं, जिसकी जनसंख्या लगभग 200 के आसपास है. घोड़ीटोली गांव निवासी महिला प्यारी देवी ने कहा कि गर्मी शुरू होते गांव में पेयजल समस्या उत्पन्न हो जाती है. लेकिन सरकार व विभाग आज तक गांव में पेयजल समस्या को लेकर गंभीर नहीं है. गांव को लोगों को पीने के शुद्ध पानी भी मयस्सर नहीं है. सिर्फ वोट के समय विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, कार्यकर्ता गांव में आये और जलमीनार बनवाने व चापानल मरम्मत कराने का आश्वासन देकर चले गये. कहा कि पेयजल व सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं होंगी, तो आनेवाले विधान सभा चुनाव का बहिष्कार करने का मन बना रहे हैं. आनंदी टेटे का कहना है कि गांव में पानी नहीं मिलने से सुबह होते पानी के लिए दूसरे टोले जाकर पानी लाना पड़ रहा है. किंतु वहां भी पानी कम होते जा रहा है, जो एक गंभीर समस्या है. कहा कि प्रखंड प्रशासन को जल्द वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए. आंगनबाड़ी सहायिका मुलियानी बा ने कहा कि जलमीनार पिछले छह माह से खराब है. आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने वाले बच्चों को पानी पिलाने के लिए आधा किमी दूर स्थित दूसरे के घर के चापानल से पानी लाना पड़ रहा है. रंजीता देवी ने कहा कि चुनाव आने पर प्रशासन व नेता गांव में आकर पानी, सड़क बनवाने का आश्वासन देने का काम करते हैं. वोट देने के बाद कोई गांव में नहीं आता है. गांव के लोग पानी के लिए परेशान है, कोई देखने वाला नहीं है. हाबिल टेटे ने कहा कि घोड़ीटोली गांव में पिछले कई वर्षों से पेयजल समस्या गर्मी आते उत्पन्न हो जाती है. लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. जलमीनार से पानी सप्लाई के लिए लगायी गयी पाइप लाइन सिर्फ देखने के लिए लगा दी गयी है. मुनिया टेटे ने कहा कि गांव में पेयजल की समस्या उत्पन्न हो जाने से महिलाओं को घर का काम छोड़ कर पानी खोजने के लिए सुबह से शाम तक भटकना पड़ रहा है. मनीषा टेटे ने कहा कि पेयजल समस्या को लेकर प्रखंड प्रशासन को गंभीर होना चाहिए. बी बड़ाइक ने कहा कि गांव में लगे चापानल, जलमीनार महीनों से खराब होने व गर्मी के कारण कुआं का पानी सूखने के कारण चुआं का गंदा पानी पीना पड़ रहा है.

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