बानो. प्रखंड के जामबेड़ा से पहारटोली तक एक किमी सड़क जर्जर होने से लोगों को आवागमन करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पहाड़टोली से गिरजाटोली तक दो किमी सड़क नहीं होने से ग्रामीण पंगडंडी के सहारे आवागमन करते हैं. प्रखंड से लगभग आठ किमी की दूरी पर स्थित जामबेड़ा पहाड़टोली व गिरजाटोली में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. एक ओर जहां सड़क का अभाव है, वहीं दूसरी ओर पेयजल के लिए लोगों खेत में बने डाड़ी पर निर्भर रहना पड़ रहा है. पहारटोली में मुंडा आदिवासी समाज के लगभग 200 लोग निवास करते हैं. गिरजाटोली की आबादी भी लगभग 250 के करीब हैं. पहारटोली में एक सोलर जलमीनार लगायी गयी है. लेकिन छह माह पूर्व पाइप फटने से जलमीनार का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है. लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है. लोग गांव के खेत में बनी डाड़ी से पानी लाते हैं. गांव के विनय भुइयां ने बताया कि सड़क निर्माण के लिए काफी प्रयास किया गया, लेकिन सड़क का निर्माण नहीं हो सका. जोन सिंदुरिया ने कहा कि जामबेड़ा स्कूल तक पक्की सड़क बनायी गयी है. गंझूटोली से पहारटोली होते गिरजाटोली तक पक्की सड़क की जरूरत है. विधायक व सांसद को सड़क निर्माण के लिए आवेदन दिया गया, किंतु कुछ नहीं हुआ. अरबीन बरला ने बताया कि गंझूटोली से पहारटोली तक सड़क कच्ची है. रास्ते में नाला पड़ता है. बरसात में पुल नहीं होने से परेशानी होती है. नेलसन भुइयां ने बताया कि सड़क के अभाव में मरीजों को खटिया पर लाद कर मुख्य सड़क तक लाया जाता है. गांव तक एंबुलेंस नहीं पहुंचती. समय पर इलाज नहीं होने से मरीजों की स्थिति गंभीर हो जाती है. पूनम कंडूलना ने बताया गांव में चापानल का अभाव है. गर्मी में पेयजल के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है. खेत में बनी डाड़ी का पानी पीना पड़ता है. बरसात में डाड़ी का दूषित पानी पीना पड़ता है. गांव की पूनम कंडूलना, जोनसन बरला, एपलानी समद, असयार्ना कंडूलना, विश्वासी बागे, सुनीता सिंदुरिया, जयंती सिंदुरिया ने गांव में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की है.
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