प्रतिनिधि, सिमडेगा आज पूरे विश्व की कैथोलिक कलीसियाओं में मृत विश्वासियों की स्मृति दिवस श्रद्धा और भक्ति के साथ मनायी गयी. मौके पर हर चर्च में विशेष मिस्सा पूजा का आयोजन किया गया और मृत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थनाएं अर्पित की गयीं. संत अन्ना महाचर्च सामटोली में सिमडेगा धर्मप्रांत के विशप स्वामी विंसेंट बरवा ने मुख्य अनुष्ठान का नेतृत्व किया. विशेष मिस्सा बलिदान में अनेक पुरोहितों ने सहयोग प्रदान किया. चर्च प्रांगण भक्तों से पूर्णतः भरा रहा और हजारों की संख्या में मसीही विश्वासियों ने भाग लेकर अपने मृत परिजनों की आत्मा की शांति हेतु विशेष प्रार्थनाएं कीं. अपने संबोधन में विशप विंसेंट बरवा ने कहा कि मृत्यु एक संसार से दूसरे संसार जाने का मार्ग है. कहा कोई भी व्यक्ति इस धरती पर रहते हुए अनंत जीवन प्राप्त नहीं कर सकता. क्योंकि अनंत जीवन के लिए इस सांसारिक जगत को त्यागना आवश्यक है. यदि व्यक्ति अपने जीवनकाल में सद्कार्य करता है तो उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है. इसलिए प्रत्येक मनुष्य को जीवन रहते हुए भला कर्म करने का प्रयास करना चाहिए. ताकि उसे अनंत जीवन का द्वार प्राप्त हो सके. विशप ने यह भी कहा कि मृत आत्माओं की स्मृति दिवस न केवल प्रार्थना का अवसर है. बल्कि यह हमें जीवन की नश्वरता और सद्गुणों के महत्व की याद भी दिलाता है. उपस्थित विश्वासियों से आग्रह किया कि वे अपने जीवन को प्रेम, करुणा और सेवा के मार्ग पर चलाएं. ताकि समाज और ईश्वर दोनों के प्रति अपना दायित्व निभा सकें. मौके पर न केवल सामटोली में बल्कि मरियमपुर, डिप्टीटोली, भुड़ूटोली कब्रिस्तान सहित सिमडेगा धर्मप्रांत के विभिन्न पल्ली केंद्रों पर भी मिस्सा पूजा अर्पित की गयी. हर जगह श्रद्धालुओं ने दीप जलाकर और पुष्प अर्पित कर मृत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी. सिमडेगा धर्मप्रांत के मीडिया प्रभारी ब्रीसियुस ने बताया कि यह दिवस हर वर्ष नवंबर के प्रारंभ में मनाया जाता है. इसका उद्देश्य मृत विश्वासियों के प्रति प्रेम और स्मरण प्रकट करना है. इस दिन की प्रार्थनाएं आत्मिक शांति, क्षमा और मानवता के उत्थान के लिए समर्पित होती हैं.
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