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उग्रवादी ने किया आत्मसमर्पण
पीएलएफआइ का सक्रिय सदस्य राजू सिंह उर्फ लोला ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. उसने पुलिस को बताया कि पारिवारिक विवाद के बाद बदला लेने के उद्देश्य से ही वह संगठन मेंं शामिल हुआ, लेकिन संगठन में सिर्फ काम लिया जाता है, बदले में पैसे नहीं मिलते़ सिमडेगा : उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ का सक्रिय […]
पीएलएफआइ का सक्रिय सदस्य राजू सिंह उर्फ लोला ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. उसने पुलिस को बताया कि पारिवारिक विवाद के बाद बदला लेने के उद्देश्य से ही वह संगठन मेंं शामिल हुआ, लेकिन संगठन में सिर्फ काम लिया जाता है,
बदले में पैसे नहीं मिलते़
सिमडेगा : उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ का सक्रिय सदस्य बानो थाना क्षेत्र के प्रधानटोली निवासी राजू सिंह उर्फ लोला ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. राजू के खिलाफ बानो, जलडेगा व कोलेबिरा थाना में नौ मामले दर्ज हैं.
मीडिया के सामने पेश करते हुए एसपी राजीव रंजन सिंह ने बताया कि राजू सिंह वर्ष 2007 में पारिवारिक विवाद के कारण बदला लेने की नियत से पीएलएफआइ संगठन में शामिल हुआ था. पीएलएफआइ कमांडर गुजु गोप के गिरोह में सदस्य के रूप में शामिल हुआ़ पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी का काफी प्रयास किया. उसके घर की कुर्की जब्ती भी की गयी. पुलिस द्वारा लगातार दबाव बनाया जा रहा था. पुलिस कार्रवाई के दबाव में आकर उसे आत्मसमर्पण कर दिया. उन्होंने बताया कि राजू सिंह वर्ष 2010 -12 तक काफी सक्रिय रहा. इस दौरान उसने कई घटनाओं को अंजाम दिया.
उग्रवाद का रास्ता गलत : राजू सिंह
आत्मसमर्पण कर चुके पीएलएफआइ सदस्य राजू सिंह ने पुलिस के समक्ष कहा कि उग्रवाद का रास्ता गलत है. इसमें कोई लाभ नहीं, सिर्फ नुकसान है. उसने कहा कि भाई के साथ जमीनी विवाद चल रहा था. भाई से बदला लेने के लिए वह पीएलएफाआइ में शामिल हुआ था, किंतु उसे कोई लाभ नहीं हुआ. अंतत: पुलिस ने उसका साथ दिया और आज जो विवाद था, वह सुलझ गया. राजू ने कहा कि संगठन के लोग सिर्फ काम लेते हैं, उसके बदले में पैसे नहीं देते. संगठन में सदस्यों का शोषण ही होता है. कहा कि मैं समाज के मुख्यधारा से जुड़ कर जीवन व्यतीत करना चाहता हूं. इसके लिये पुलिस ने हमारा काफी सहयोग किया.
उग्रवादी मुख्यधारा से जुड़ें : एसपी
एसपी राजीव रंजन सिंह ने कहा कि पीएलएफआइ व माओवादी संगठन के अन्य सदस्यों को राजू सिंह से प्रेरणा लेना चाहिए. उग्रवादी मुख्यधारा से जुड़ें, इसमें पुलिस उनका सहयोग करेगी. उन्होंने कहा कि हथियार उठाना समस्या का हल नहीं है. हथियार उठाने से समाज एवं परिवार का ही नुकसान होता है. पुलिस का दरवाजा खुला है, उग्रवादी आत्म समर्पण करें और मुख्यधारा से जुड़ कर एक सामाजिक व्यक्ति की तरह जीवन यापन करें.
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