सरायकेला.
सरायकेला सहित आसपास के क्षेत्रों में विगत तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. ग्रामीण इलाकों में कई मिट्टी के घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. वहीं नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. लगातार हो रही बारिश से सबसे अधिक नुकसान सब्जी की खेती को हुआ है. भिंडी, झींगा, मक्का, टमाटर, बैंगन, गोभी और लौकी जैसी फसलें पूरी तरह नष्ट हो गयी हैं. किसानों का कहना है कि अधिक बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया है, जिससे पौधे पीले पड़कर सूखने लगे हैं.किसान बोले-सब्जियों की खेती हुई बर्बाद
किसानों ने बताया कि इस वर्ष जून की शुरुआत से ही लगातार बारिश होने के कारण खरीफ सब्जी की खेती प्रभावित हुई. जो थोड़ी बहुत खेती हुई थी, वह भी बर्बाद हो गयी. हालांकि, धान की खेती के लिए यह बारिश फायदेमंद साबित हो रही है, क्योंकि जिले के अधिकतर खेत ऊपरी जमीन पर स्थित हैं और वर्ष पर ही निर्भर रहते हैं.
जिले में 90% धान की रोपनी पूरी तेलहन की खेती मात्र 20%
लगातार बारिश से जिले में इस बार धान की रोपनी 90 प्रतिशत से अधिक पूरी हो चुकी है. जिला कृषि पदाधिकारी रोशन नीलकमल ने बताया कि माॅनसून समय पर आने और लगातार बारिश होने से इस वर्ष फसल की स्थिति पिछले कुछ वर्षों की तुलना में सबसे बेहतर है. जिले में एक लाख हेक्टेयर जमीन पर धान की खेती का लक्ष्य था, जिसमें से 90% से अधिक खेतों में रोपाई पूरी हो चुकी है. विभागीय आंकड़ों के अनुसार, मोटे अनाज की खेती के लिए निर्धारित 6900 हेक्टेयर भूमि में से अब तक 5176 हेक्टेयर पर बोआइ हुई है, जो लक्ष्य का 75.01% है. वहीं, तेलहन की खेती सबसे अधिक प्रभावित हुई है. विभाग द्वारा 1390 हेक्टेयर भूमि पर खेती का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अब तक केवल 280 हेक्टेयर भूमि (20.14%) पर ही तेलहन की बुआइ हो पायी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

