सीनी.सरायकेला प्रखंड के कदमडिहा गांव में रविवार को सरहुल पर्व का आयोजन किया गया. इस दौरान गांव के नाया (पुजारी) मधुसूदन महतो ने साल वृक्ष के नीचे पारंपरिक तरीके से पूजा अर्चना कर गांव की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की. ग्राम प्रधान नित्यानंद महतो ने बताया कि पूजा के एक दिन पूर्व गांव के नाया (पुजारी) उपवास रख कर ग्राम देवता (गोराम देवता) का अह्वान करते हैं, इसके बाद गांव के गडाईत घर-घर जाकर सरहुल पूजा का निमंत्रण देते हैं. त्योहार के दौरान गांव के पुजारी द्वारा जाहेरथान में गांव की समृद्धि के लिए सूर्य देवता, ग्राम देवता और पूर्वजों को साल का फूल, फल व सिंदूर अर्पित कर पूजा की जाती है.
पुजारी का पांव धुलाने की परंपरा
महतो ने बताया कि अनुष्ठान के बाद गांव के लोग साल के फूल पकड़कर मुख्य पारंपरिक सरहुल नृत्य करते हुए नाया को गांव को प्रत्येक घर तक ले जाते हैं व घर की महिलाओं द्वारा नाया (पुजारी) का पैर हल्दी व सरसों के तेल से धुलवाया जाता है. इस दौरान नाया घर के मुख्य द्वार पर साल का फूल देते हैं. मान्यता है कि घर की सुख – शांति बनी रहती है और पैदावार के लिए गांव में अच्छी बारिश होती है.सरहुल पूजा में ये थे शामिल
मनसुख महतो, नंदलाल महतो, भीम महतो, बांका महतो, मुकेश महतो, शैलेश महतो, दीपक महतो, बलदेव महतो, मिहिर महतो, दारा महतो, अरविंद महतो, मनोज महतो, गोमहा महतो, माघुराम महतो, कार्तिक महतो, ठाकुरा महतो, बबलू महतो, शामलाल महतो, मनसा मुखी, रामु मुखी, भालू मुखी, दुखु दास,पवन दास,अरूण महतो, सुभम महतो, प्रदीप महतो, अजय महतो आदि.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है