सरायकेला. सरायकेला महिला महाविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर मंगलवार को इतिहास विभाग ने शिक्षा के क्षेत्र में डॉ अबुल कलाम आजाद के योगदान विषय पर सेमिनार किया. प्राचार्य डॉ स्पार्कलीन देई ने कहा कि डॉ अबुल कलाम ने देश को आगे ले जाने में शिक्षा को महत्वपूर्ण हथियार माना. अबुल कलाम ने यूजीसी, आइआइटी व संगीत अकादमी की स्थापना के साथ साथ महिलाओं को शिक्षित करने का प्रयास किया. डॉ अबुल कलाम ने शिक्षा को केवल नौकरी व वेतन पाने तक सीमित नहीं माना, अपितु मानव के अंदर संवेदना, कर्तव्य, दायित्व व उचित व्यवहार की प्रवृत्ति को सही शिक्षा माना. डॉ देई ने छात्राओं को सलाह देते हुए कहा कि डॉ कलाम की जीवनी से प्रेरित होकर देश व समाज के लिए काम करें. हेमा सुजाता लकड़ा ने मुफ्त शिक्षा को लेकर विस्तार से जानकारी दी. सेमिनार में अंग्रेजी विभाग के डॉ राजेश कुमार मंडल ने कहा कि जो देश में शिक्षा ग्रहण कर विदेशों में सेवा देते हैं, उन्हें देश में ही सेवा देना चाहिए. कार्यक्रम को इतिहास विभाग के शिक्षक डॉ चंद्रशेखर राय ने भी संबोधित किया. मौके पर छात्रा खुशी पंडा, प्रिया साहू, सुभद्रा लोहार, सरिता मुदी,सोमवारी मुंडा, शीला चाकी, सुनीता सोय, गुरुबारी सोय, सोनाली देवगम, रीना नायक, प्रतीक्षा कुमारी ने भी अपने विचार रखे. मौके पर राजनीतिक विभाग की शिक्षिका चंपा पॉल, भूगोल विबाग की शिक्षिका प्रेमा, हिंदी विबाग की शिक्षिका डॉ श्वेतलता उपस्थित थीं
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