चांडिल. सरायकेला-खरसावां जिला के कुकड़ू प्रखंड के तिरुलडीह थाना क्षेत्र में अवैध बालू खनन और ओवरलोड ढुलाई बेखौफ जारी है. तिरुलडीह और सिरुम के रास्ते नीमडीह होते हुए पश्चिम बंगाल सीमा तक रातभर बालू लेकर हाइवा गुजरते रहे, लेकिन प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी. शुक्रवार तड़के डाटम वन क्षेत्र में एक ओवरलोड बालू लदा हाइवा असंतुलित होकर पलट गया. इसके बाद प्रशासन हरकत में आया. घटना की सूचना मिलते ही सीओ और पुलिस के जवान मौके पर पहुंचे. घटनास्थल पर पहुंचकर अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की घोषणा की. सीओ के अनुसार अब बालू के चालान, ओवरलोडिंग की स्थिति और हाइवा के कागजातों की जांच की जायेगी. जांच के आधार पर संबंधित वाहन मालिकों और बालू माफियाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. हाइवा को पुलिस ने जब्त कर लिया. हाइवा चालक भागने में सफल रहा. टीम द्वारा बालू परिवहन करने वाले वाहनों को रोककर जांच की गयी.
जानकारी देने के बाद भी नहीं की जा रही कार्रवाई : मधुश्री
सरायकेला-खरसावां के जिला परिषद उपाध्यक्ष मधुश्री महतो ने कहा कि बालू खनन व परिचालन को लेकर पुलिस अधीक्षक. उपायुक्त व कमिश्नर तक ज्ञापन सौंप चुके हैं, इसके बाद भी प्रशासनिक पहल नहीं की जा रही है. तिरुलडीह, सिरुम और नीमडीह के रास्ते लगातार रात में बालू लदे भारी वाहनों का आना-जाना लगा रहता है. यह प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि मिलीभगत के संकेत हैं.
पूरे नेटवर्क को उजागर करे जिला प्रशासन : ग्रामीण
ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन सिर्फ एक-दो मामला दर्ज कर मामले को रफा-दफा न करे, बल्कि इस पूरे नेटवर्क को उजागर करे. स्थायी समाधान की दिशा में काम करे. लगातार बढ़ते अवैध परिवहन से सड़कें और सामाजिक ढांचा बुरी तरह प्रभावित हो रही है.इन स्थानों से हो रहा बालू खनन
ईचागढ़ प्रखंड के जारगोडीह, बीरडीह, बामुनडीह सुवर्णरेखा नदी से बालू का उत्खनन हो रहा है. उधर कुकड़ू प्रखंड के सपारुम, पैलोंग, सपादा में सुवर्णरेखा नदी से बालू का उत्खनन हो रहा है. यह अवैध काम हर दिन प्रशासन के नाक के नीचे हो रहा है, पर प्रशासन कार्रवाई करने में नाकाम है. बालू खनन से हर दिन सरकार को राजस्व के रूप में लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है.तिरुलडीह से अवैध बालू का कारोबार बंगाल तक पहुंचा
तिरुलडीह से अवैध बालू का कारोबार पश्चिम बंगाल तक है. तिरुलडीह से रात में आसानी से पश्चिम बंगाल तक बालू पहुंच जाता है. तिरुलडीह से कई रास्ते हैं जो 8-10 किमी में बालू लदे वाहन आसानी से पश्चिम बंगाल घुस जाता है.
स्टॉक यार्ड से बाहर भेजा जा रहा बालूग्रामीणों ने लाइसेंसी बालू स्टॉक यार्ड में किये गये बालू भंडारण पर सवाल करने लगे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि हर दिन स्टॉक यार्ड से बालू बाहर भेजा जा रहा है. स्टॉक यार्ड में जिला खनन विभाग द्वारा निर्धारित बालू का भंडारण किया जाता है. स्टॉक यार्ड में बालू भंडारण का साल भर हो गया है. हर दिन स्टॉक यार्ड से बालू बाहर बेचा जा रहा है. ग्रामीणों ने बताया यह जांच का विषय है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है