सरायकेला.उत्कल युवा एकता मंच के बैनर तले स्थानीय पब्लिक दुर्गा पूजा मैदान में चार दिवसीय ओड़िया नाटक का शुभारंभ हुआ. पहले दिन मंच के कलाकारों ने केते दुखो देबु रे कालिया नामक सामाजिक कथा पर आधारित नाटक का मंचन किया. कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी व ईचागढ़ के पूर्व विधायक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह ने किया. कुणाल ने कहा कि भाषा, संस्कृति ही हमारी पहचान है. ओड़िया भाषा संस्कृति को बचाना है, तो अपनी संस्कृति के प्रति गर्व अनुभव करना शुरू कर दें, तभी पहचान के साथ-साथ भाषा, संस्कृति बची रहेगी. भाषा, संस्कृति से ही समाज की पहचान : अरविंद
अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि सरायकेला की पहचान कला व संस्कृति से है. विश्व प्रसिद्ध कला छऊ की जननी सरायकेला है. भाषा संस्कृति से ही समाज की पहचान होती है. अगर भाषा संस्कृति खत्म हो गयी, तो समाज विनाश की ओर चला जाता है. उन्होंने कहा सरायकेला की बहुत गौरवशाली इतिहास रहा है.दिवंगत कलाकारों के परिजन सम्मानित
अभिनय कला के कई दिवंगत कलाकारों के परिजनों को मंच ने सम्म्मानित किया. सम्मानित किये जाने वालों में रत्न प्रभादेवी, मीनोती देवी, मंदोदरी महांती शामिल हैं. कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथियों द्वारा इन्हें सम्म्मानित किया गया.ये थे मौजूद
राजकुमार आचार्य, रूपेश साहू, गोलक बिहारी पति, प्रदीप चौधरी, के.पी दुबे, सुबोध हाजरा, हेमंत कुमार साहू, राजेश कुमार साहू आदि.
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