सरायकेला. कांड्रा से सरायकेला होते हुए चाईबासा तक जाने वाली मुख्य सड़क में जगह-जगह पिच उखड़ गयी है. इससे आवागमन के दौरान लोगों को न सिर्फ परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि अक्सर दुर्घटना हो रही हैं. करीब 68 किमी के मार्ग में सैकड़ों गड्ढे बन चुके हैं. बरसात में सड़क पर बने गड्ढों में जलजमाव हो गया है. इससे काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. सड़क दुर्घटनाओं में जान-माल की क्षति पहुंच रही है. यह मार्ग कोल्हान का लाइफलाइन भी कहा जाता है. सड़कों को मरम्मत की मांग कई बार उठी, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
टैक्स लेकर सड़क मरम्मत करना भूली सरकार : अर्जुन मुंडा
रविवार को कांड्रा-सरायकेला-चाईबासा के रास्ते से गुजरने का दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने सरायकेला-चाईबासा के बीच स्थित टोल प्लाजा पर रुक कर टाटा-कांड्रा-सरायकेला- चाईबासा टोल रोड के जर्जर हालत के संबंध में जानकारी ली. टोल प्लाजा के मैनेजर से बात कर वस्तुस्थिति की जानकारी ली. बातचीत के क्रम में टोल के मैनेजर ने बताया कि जेआरडीसीएल को जर्जर सड़क को लेकर कई बार पत्राचार किया गया है. लेकिन जेआरडीसीएल द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. इसपर पूर्व मुख्यमंत्री ने शिकायत की कॉपी मांगी और कहा कि जब सड़क मरम्मत नहीं जा रही है, तो आम लोगों से टोल क्यों वसूला जाता है. पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने सड़कों की बदहाली पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जनता टोल टैक्स दे रही है, तो उसे अच्छी सड़क की सुविधा मिलनी चाहिए. सड़क मरमती के नाम पर खानापूर्ति कर छोड़ दिया जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

