मंडरो
मिर्जाचौकी हाट परिसर स्थित छठ घाट प्रांगण में गुरुवार को अक्षय नवमी का पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया. इस अवसर पर सुहागिन महिलाओं ने आंवला वृक्ष के नीचे दीप प्रज्वलित कर विधिवत पूजा-अर्चना की तथा अक्षय नवमी का व्रत रखा. पुरोहितों के निर्देशन में महिलाओं ने पूजा-विधि संपन्न की और कथा श्रवण किया. तत्पश्चात सभी ने अखंड सौभाग्यवती होने की कामना की. कार्यक्रम के दौरान रितु जयसवाल और सोनी जयसवाल ने उपस्थित महिलाओं को अक्षय नवमी व्रत का महत्व बताया. वहीं, आचार्य रवि शंकर चौबे ने कहा कि शास्त्रों और पुराणों में अक्षय नवमी का विशेष महत्व बताया गया है. यह व्रत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. आचार्य ने बताया कि आंवला वृक्ष में स्वयं भगवान विष्णु का वास होता है, इसलिए उसकी पूजा अत्यंत शुभ मानी जाती है. इस दिन आंवले के पेड़ की छांव में बैठकर भोजन बनाना और उसे सबसे पहले भगवान विष्णु को अर्पित करना अत्यंत पुण्यदायक माना गया है. इसके बाद वही प्रसाद पूरे परिवार को खिलाया जाता है, जिससे घर में सुख-समृद्धि आती है. इस अवसर पर गायत्री परिवार की प्रखंड समन्वयक सुप्रिया वर्णवाल, रुकमणी देवी, वर्षा देवी, पुनम जयसवाल, करुणा चौधरी, सृतु जयसवाल, सुमन साह, चंदा देवी, कविता देवी, मोनिका देवी, नीलम देवी, शांति देवी, पिंकी देवी, कृष्णा देवी, सुनीता देवी, बेबी देवी, नेहा देवी, सीमा देवी सहित अनेक महिलाओं ने श्रद्धापूर्वक व्रत रखकर अखंड सौभाग्य की कामना की.
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