बरहरवा
प्रखंड क्षेत्र में हिंसा की शिकार महिलाओं को अब न्याय के लिए दर-दर भटकने की आवश्यकता नहीं है. क्योंकि, महिलाओं के साथ होने वाले सभी प्रकार की हिंसा का समाधान करने हेतु प्रखंड मुख्यालय स्थित जेएसएलपीएस कार्यालय में इसी महीने जेएसएलपीएस के सामाजिक विकास कार्यक्रम अंतर्गत जेंडर रिसोर्स सेंटर (गरिमा केंद्र) का शुभारंभ होने जा रहा है. जिसकी तैयारी लगभग पूरी कर ली गयी है. इस सेंटर पर प्रशिक्षण प्राप्त दो पारा लीगल स्वयं सेविकाओं प्रियंका मंडल और सोनी कुमारी के द्वारा महिलाओं के खिलाफ होने वाले घरेलू हिंसा, डायन उत्पीड़न, यौन उत्पीड़न, मानव तस्करी, बाल विवाह और महिलाओं की गरिमा, सुरक्षा व संरक्षा को प्रभावित करने वाली हिंसा के किसी भी अन्य रूप सहित स्त्री हिंसा के मामलों के निबटारे में पीड़िता की मदद करेगी. इसके अलावे कमजोर और हाशिये पर गुजर-बसर करने वाली महिलाएं विशेष रूप से मौलिक अधिकारों से वंचित और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से बहिष्कृत शिकायतों का समाधान भी सेंटर से किया जायेगा. सेंटर द्वारा डीएलएसए, स्थानीय पुलिस स्टेशन, महिला थाना और अन्य रेफरल संस्थानों यथा जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम, राज्य मानसिक स्वास्थ्य संस्थान, वन स्टॉप सेंटर, प्रखंड, पंचायत, पीएचसी/सीएचसी जैसी प्रमुख संस्थाओं के साथ मजबूत संबंध और साझेदारी स्थापित कर महिला शिकायतकर्ताओं और पीड़िताओं के लिए आवश्यक सहायता और सेवा त्वरित सुनिश्चित करना है.
17 नवंबर को होगा सलाहकार समिति का गठन
सेंटर के सुचारू रूप से संचालन एवं आवश्यक परामर्श हेतु प्रखंडस्तरीय सलाहकार समिति का गठन भी आगामी 17 नवंबर को किया जायेगा. इसके अध्यक्ष बीडीओ, संयोजक बीपीएम जेएसएलपीएस एवं सदस्य के रूप में प्रखंड प्रमुख, सीडीपीओ, एमओ, थाना प्रभारी, एमओआइसी, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, सीएसओ/एनजीओ एवं प्रखंड के एक प्रतिनिधि तथा संकुल संघ के दो प्रतिनिधि होंगे. इसके अलावे कोर कार्यान्वयन टीम एवं प्रशासनिक निकाय भी होगा जो आये हुये मामलों के पंजीकरण, पीड़िताआें और उनके परिजनों को परामर्श, गंभीर मामलों पर ग्राम स्तरीय बैठक, मामलों से संबंधित विभागों के अधिकारियों से संपर्क, केस रिपोर्ट और दस्तावेजीकरण सहित अन्य कार्य करेंगे.
कहते हैं पदाधिकारी
बीडीओ सन्नी कुमार दास ने कहा कि प्रखंड मुख्यालय में जीआरसी केंद्र खुलने से पूरे प्रखंड क्षेत्र की महिलाओं को इसका लाभ मिलेगा. किसी भी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाएं यहां आकर अपनी समस्याओं का समाधान करवा सकती हैं. प्रशासन उनकी हर तरह से मदद करेगी.
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