राजमहल
उधवा प्रखंड के दियारा में दो गांवों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए करोड़ों की लागत सड़क बनाई गयी. पर एक उच्चस्तरीय पुल के अभाव में ग्रामीण को पूर्णतः लाभ नहीं मिल रहा है. उधवा प्रखंड की श्रीधर दियारा पंचायत अंतर्गत कॉलोनी नंबर-9 व कॉलोनी नंबर-10 के बीच उच्च स्तरीय पुल निर्माण अब तक फाइलों में अटका है. इससे सैकड़ों लोगों का आवागमन प्रभावित है. लोगों को रोजमर्रा का कार्य करने में असुविधा होती है. कॉलोनी नंबर दस के लोगों को मुख्य बाजार श्रीधर इसी रास्ते से आना-जाना होता है. लोगों को खरीदारी के लिए श्रीधर बाजार, स्कूली बच्चों को स्वामी विवेकानंद उच्च विद्यालय श्रीधर, किसान खेती, मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा के लिए आने-जाने में इसी रास्ते का आवागमन करते हैं. यहां करीब एक सौ मीटर सड़क का कटाव होने के कारण पानी जमा रहता है. पानी घटते पर सड़क कीचड़ में तब्दील हो जाता है. पानी रहने से लोगों को नाव का सहारा लेना पड़ता है. इससे ग्रामीणों पर आर्थिक बोझ पड़ता है. यूं कहें कि इस कटाव के कारण करोड़ों की लागत पर पानी फिरा हुआ है. गौरतलब है कि दोनों गांवों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए वर्ष 2019 में तत्कालीन विधायक ने राज्य संपोषित योजना से कॉलोनी नंबर 9 व कॉलोनी नंबर 10 तक (3.75 किमी) पथ निर्माण का शिलान्यास किया था. वर्ष 2020 से पथ निर्माण शुरू हुआ, जोकि वर्ष 2022 में पथ निर्माण पूर्ण हुआ. इस 3.75 किमी पथ निर्माण में कई जगहों पर कई कलवर्ट (छोटी पुलिया) दिया गया है, जिससे सड़क के आर-पार पानी का प्रवेश व निकास हो सके. परंतु दोनों गांवों के बीच स्थित ढाब नामक जगह पर करीब 100 मीटर पथ निर्माण अधूरा छोड़ दिया गया. इस अधूरे कार्य की जानकारी जुटाने पर पता चला कि यहां करीब एक सौ मीटर सड़क निर्माण इसलिए छोड़ा गया, ताकि इस जगह एक उच्च स्तरीय पुल का निर्माण हो सके. हालांकि उक्त सड़क में कई जगहों पर छोटा-छोटा कलवर्ट दिया गया है. इस जगह टेक्निकल कारण से कलवर्ट/काजवे हटा दिया गया. इसके बाद वरीय पदाधिकारी के निर्देशानुसार उक्त स्थल का भौतिक सत्यापन किया गया. इसके उपरांत यहां उच्च स्तरीय पुल के लिए स्वाइल टेस्ट किया गया. स्वाइल टेस्ट के बाद डिजाइन तैयार करते हुए आवश्यकता अनुसार उच्च स्तरीय पुल बनाने की योजना बनाई गयी. योजना को धरातल पर उतरने के लिए डीपीआर तैयार कर स्पेशल डिवीजन से कागजी प्रक्रिया पूर्ण कर वरीय पदाधिकारी को भेजा गया. यहां उच्च स्तरीय पुल होने से बाढ़ के समय पानी निकालने में आसानी होगी. साथ ही कई प्रकार के वेस्ट चीज (कचड़ा) निकल जाए, ताकि खेती करने में आसानी हो. उक्त जगह पर 14 दिसंबर 2022 को उच्च स्तरीय पुल निर्माण को लेकर विभाग से पत्राचार किया गया था. उच्चस्तरीय पुल के लिए अटकी हुई फाइलों पर कर्रवाई करते हुए पुल निर्माण करने की मांग की गयी है.
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