राजमहल कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर दो दिवसीय गंगा स्नान के दूसरे दिन बुधवार को हजारों की संख्या में आदिवासी व गैर आदिवासी श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगायी. राजमहल अनुमंडल क्षेत्र सहित संथाल परगना के विभिन्न जिला क्षेत्र से आये गैर आदिवासी व साफाहोड़ आदिवासियों ने अपने-अपने धर्म गुरुओं के साथ आस्था की डुबकी लगायी. इसके उपरांत गंगा तट पर धर्म गुरुओं ने अपने अनुयायियों के साथ अखाड़ा लगाकर मां गंगा, मरांग बुरू रूपी भगवान शिव, भगवान श्रीराम की पूजा-अर्चना की. साथ ही धान की नयी फसल तैयार होने के उपरांत उसकी कटाई को लेकर धान की बाली व अन्य सामग्रियों के साथ पूजा-अर्चना की गयी. राजमहल अनुमंडल क्षेत्र एवं साहिबगंज जिला क्षेत्र के अलावा अमड़ापाड़ा, लिट्टीपाड़ा, दुमका, काठीकुंड, सुंदरपहाड़ी, बोआरीजोर आदि इलाके के आदिवासी श्रद्धालु राजमहल में कार्तिक पूर्णिमा के विशेष स्नान के लिए पहुंचे हैं और लगातार श्रद्धालुओं का आगमन होते जा रहा है. पुरोहितों ने बताया कि गैर आदिवासी श्रद्धालु बुधवार को कार्तिक पूर्णिमा का विशेष स्नान करेंगे. बड़े पैमाने पर श्रद्धालुओं का आगमन होने की बात बतायी जा रही है. वहीं मन्नतें पूरी होने पर अपने बच्चों का मुंडन संस्कार भी करवाया. शहर में अत्यधिक वाहनों का प्रवेश होने के कारण यातायात अस्त-व्यस्त रहा. हालांकि पुलिस प्रशासन सुरक्षा एवं यातायात व्यवस्था को सामान्य करने में जुटा था.
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